उत्तर प्रदेश
योगी सरकार की पहल, अंधेरे में जंगली जानवरों से मिलेगी सुरक्षा
लखनऊ|अंधेरे में जंगली जानवरों से ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने नई पहल की है। मानव वन्य जीव संघर्ष को कम करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं सीएम योगी के आह्वान पर निजी क्षेत्र की कंपनियां भी प्रदेश सरकार के सहयोग के लिए आगे आई हैं। इसी क्रम में प्रदेश सरकार और भारत केयर्स के बीच एमओयू हुआ है, जिसके तहत भारत केयर्स एनजीओ अपने सीएसआर फंड से दुधवा, पीलीभीत, अमानगढ़ व रानीपुर टाइगर रिजर्व के आसपास के संवेदनशील गांवों में स्ट्रीट लाइट लगा रहा है। यह स्ट्रीट लाइट सिग्निफाई की तरफ से उपलब्ध कराई गई है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के समीप अतिसंवेदनशील गांवों में लाइट लगाने का कार्य शुरू हो गया है। शेष स्थानों पर मार्किंग व सर्वे का कार्य चल रहा है। योगी सरकार का यह कदम रात में गांवों में प्रवेश करने वाले जंगली जानवरों से संघर्ष को रोकने और सुरक्षा में काफी कारगर साबित होगा।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के समीप गांवों में लग चुकीं 200 से अधिक लाइट्स
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के समीप मानव वन्य जीव संघर्ष को लेकर अतिसंवेदनशील गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही हैं। टाइगर, तेंदुआ जैसे कई जानवरों के खतरों को भांपते हुए यह लाइट्स लगाई जा रही हैं। पीलीभीत के डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि भारत केयर्स के सीएसआर फंड से 12 अगस्त से यह कार्य प्रारंभ हुआ है। 50 गांवों के समीप 200 से अधिक स्ट्रीट लाइट्स लगाई जा चुकी हैं। यहां गांवों में 750 से अधिक लाइट्स लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है। मनीष सिंह के मुताबिक पंडरी, भैरों, गोयल कॉलोनी, माला कॉलोनी, जमुनिया, मंदारी आदि गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही है। अब तक मंदारी में 16 से अधिक लाइट लगाई जा चुकी है। शेष स्थानों पर भी लाइट लगाने का कार्य तेजी से पूरा होगा।
दुधवा टाइगर रिजर्व के आसपास के गांवों में चल रहा सर्वे
दुधवा टाइगर रिजर्व के समीप 60 से अधिक गांवों में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। अपर मुख्य वन संरक्षक ललित कुमार वर्मा ने बताया कि कंपनी की तरफ से सोलर लाइट लगाने का निर्णय लिया गया है। यहां के उधव नगर, बसही, अशोक नगर, सेमरी, धर्मापुर, आंबा, झाला, गोलबोझी, पचपेड़ा, खंभारी, रघुनगर समेत कई गांवों अभी सर्वे चल रहा है।
सीएम योगी की पहल तेजी से ला रही रंग
रानीपुर टाइगर रिजर्व के समीप मानव वन्य जीव संघर्ष को लेकर अतिसंवेदनशील सकरौहा, कमरहा, एलहा, सकरा आदि समेत 20 से अधिक गांवों में सर्वे का काम कंपनी की तरफ से जल्द शुरू होगा। इसके उपरांत यहां भी तेजी से स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य प्रारंभ होगा। अंधेरे में जंगली जानवर गांव की तरफ आ जाते हैं। ग्रामीणों को उससे बचाने के प्रयास के तहत यह लाइट्स लगाई जा रही हैं।
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के समीप गांवों का भी हुआ चयन
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के समीप 20 अतिसंवेदनशील गांवों में स्ट्रीट लाइट्स लगाने की जगह आदि को लेकर सर्वे किया जाएगा। रेहड़, फतेहपुर धारा, रानी नांगल, मुरलीवाला, जामुनवाला आदि गांवों में यह लाइट्स लगाई जाएंगी।
सीएसआर फंड से स्ट्रीट लाइट लगवाने वाली भारत केयर्स के सीनियर प्रोजेक्ट एसोसिएट रजत सिंह ने बताया कि इसे लेकर यूपी सरकार से पिछले महीने एमओयू हुआ था। इसके तहत 100 से अधिक वन्य गांवों में एलईडी लाइट्स लगाई जाएगी। आवश्यकतानुसार यहां सोलर लाइट्स को भी लगाया जाएगा। हर घर रोशन योजना के तहत फिलहाल पीलीभीत में लाइट लगाई जा रही है। यह लाइट सिग्निफाई की तरफ से उपलब्ध कराई जा रही है। अमानगढ़ और दुधवा के आसपास के गांवों में मार्किंग व सर्वे के उपरांत इसे लगाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।
अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर
प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।
हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी
उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।
अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग
2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।
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