प्रादेशिक
यूपी में टूरिज्म की अपार संभावना को देखते हुए पर्यटन के 12 सर्किट विकसित करेगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, इसी को देखते हुए यूपी सरकार राज्य में 12 सर्किट विकसित करेगी, जिससे बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आ सकेंगे। पर्यटकों के आने से प्रदेश के पर्यटन से जुड़े उद्यमियों को फायदा मिलेगा। अभी जिस तरह से करोना संक्रमण ने पर्यटन की रफ्तार रोक दी है, ऐसे में अब जब इसका प्रभाव धीरे-धीरे खत्म हो रहा है तो एक बार फिर से पर्यटन केंद्रों पर पर्यटकों की भीड़ आने की उम्मीदें बढ़ रही हैं।
प्रमुख सचिव पर्यटन, मुकेश मेश्राम ने बताया कि पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश में पर्यटन के 12 सर्किट विकसित किए जा रहे हैं, जिसमें रामायण, महाभारत, बुद्धिस्ट, शक्तिपीठ, इको टूरिज्म, स्वतंत्रता संग्राम सर्किट प्रमुख हैं। यहां पर बुनियादी सुविधाएं बढ़ायी जा रही हैं, जिससे इन स्थलों पर बड़ी संख्या में पर्यटक आकर यहां की धार्मिक मान्यताएं और इतिहास के बारे में जानकारी हासिल कर सकें। इसके साथ ही स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े जो भी ज्ञात-अज्ञात हमारे नायक हैं, उनकी गौरव गाथा को प्रचारित कराया जाएगा, जिससे लोग उनसे प्रेरणा ले सकें।
प्रमुख सचिव ने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विंध्याचल में विंध्यवासिनी धाम, वाराणसी में घाटों का निर्माण, इसके साथ ही मथुरा गोवर्धन के साथ-साथ अयोध्या में सभी पुराने मंदिर, एवं मठों को सवारने का भी काम चल रहा है. अयोध्या में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का रामकथा गॅलरी बनाया जा रहा है, जहां प्रभु श्री राम की जीवनी पर आधारित शो दिखाए जाएंगे। कुशीनगर, मथुरा, और लालापुर जहां बाल्मीकि आश्रम है, वहां पर भी लगातार बुनियादी सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं, जिससे आने वाले पर्यटकों को हर संभव सुविधा प्रदान की जा सके तथा ज्यादा से ज्यादा पर्यटक इन स्थलों के प्रति आकर्षित हो सकें। इसके साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिस तरह से वाराणसी में गंगा में क्रूज़ चलाने की सेवा शुरू की गई है, उसी तरह अयोध्या में भी पी0 पी0 पी0 मोड पर प्रयोग किया जाएगा, जिससे पर्यटक क्रूज सेवा का आनंद उठा सकेंगे ।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन विभाग ने लगभग 550 ऐसे स्थल चिन्हित किए हैं जो किसी न किसी कारण से महत्वपूर्ण है, इन स्थलों पर मेले लगते हैं, ये धार्मिक-ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, इन सभी अवसरों पर बुनियादी सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं।
प्रमुख सचिव, मुकेश मेश्राम ने बताया है कि धार्मिक ऐतिहासिक रूप से प्रत्येक जिले में कुछ ऐसे स्थल होते हैं जहां की अपनी मान्यताएं हैं। ऐसे में प्रदेश की सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्येक विधानसभा में एक-एक पर्यटन के केंद्र चिन्हित करने के लिए विधायकगणों से कहा गया है। इसके बाद प्रदेश सरकार राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में इन पर्यटन केंद्रों को विकसित कर यहां पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी, जिससे लोग अपने जिले और अपने विधानसभा में भी पर्यटन के इन केंद्रों का आनंद ले सकेंगे।
सम्पर्क सूत्र: सुनील कुमार कनौजिया
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी
प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।
श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था
संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती
महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।
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