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उत्तराखंड

राफ्टिंग के दौरान गंगा में डूबा पर्यटक

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ऋषिकेश में राफ्टिंग, गंगा नदी में डूब गया, गरुड़ चट्टी

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ऋषिकेश में राफ्टिंग, गंगा नदी में डूब गया, गरुड़ चट्टी

youth sinking in river ganga during rafting

ऋषिकेश। आसाम से आया एक पर्यटक राफ्टिंग के दौरान गंगा नदी में डूब गया। पुलिस उसकी तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक उसका कुछ पता नहीं चल पाया है। लक्ष्मण झूला के थाना प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि आसाम से यहां घूमने के लिए आसाम से पर्यटकों का एक दल आया हुआ है।

आज दोपहर लगभग 2.30 बजे उन्होंने गंगा में राफ्टिंग शुरू की। साढ़े तीन बजे के करीब गरुड़ चट्टी के समीप राफ्टिंग के दौरान ग्रुप का एक सदस्य जिसका नाम नितेश, पुत्र राधेश्याम निवासी शिवसागर, आसाम रोमांच के लिए राफ्ट की रस्सी पकड़ कर गंगा में तैर रहा था।

उसका एक साथी राफ्ट पर खड़े होकर उसका फोटो खींच रहा था। इसी बीच नितेश के हाथ से रस्सी छूट गई और वह गंगा की तेज धारा में बहने लगा।

इस दौरान उसके शरीर से बंधी लाइफ जैकेट भी अपने आप ही बीच पानी में निकलकर बह गई। जल पुलिस की सहायता से मौके पर रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन युवक का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है।

 

 

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उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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