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खेल-कूद

ओलंपिक को जीका से कोई खतरा नहीं : रियो मेयर

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रियो डी जेनेरियो। रियो के मेयर एडुआडरे पेस ने शुक्रवार को कहा कि जीका वायरस से ओलंपिक को कोई खतरा नहीं है।

रियो ओलंपिक खेलों का आयोजन शहर में पांच अगस्त से होगा।

मारिया लेंक वॉटर पार्क के पुन: उद्धघाटन समारोह में मेयर ने जीका वायरस की स्थिति पर अपने बयान में यह बात कही। उल्लेखनीय है कि शहर में जीका वायरस के मामले ओलंपिक के लिए खतरा बने हुए हैं।

मेयर ने अपने बयान में कहा, “हमें जीका की समस्या से निपटना होगा, लेकिन यह ओलंपिक के लिए कोई मुद्दा नहीं है। यह हम ब्राजील वासियों के लिए एक मुद्दा है।”

जीका विषाणु का संक्रमण एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से होता है, जो डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की तरह जमे हुए साफ पानी में पैदा होते हैं। डेंगू के मच्छर की तरह ही यह भी दिन में ही काटते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, इस विषाणु के कारण गर्भवती महिलाओं पर गम्भीर खतरा है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक यह विषाणु मस्तिस्क में विषमता पैदा करता है, जिसे मेडिकल शब्दों में माइक्रोसेफेली कहा जाता है। इसके तहत नवजात बच्चों के सिर का आकार सामान्य से छोटा हो जाता है।

मेयर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि रियो के लिए अगस्त का महीना सबसे शुष्क मौसम रहने वाला है और इसमें एडीज के मच्छरों का पनपना संभव नहीं।

उन्होंने कहा, “अगस्त और जुलाई का महीना सबसे शुष्क रहता है, इसमें मच्छर नहीं पनपते। हमें हर प्रकार की सावधानी रखनी होगी और हम एथलीटों और आगंतुकों को सुरक्षित रखने के लिए हर प्रकार के उचित कदम उठाएंगे।”

उल्लेखनीय है कि ब्राजील में 22 अक्टूबर, 2015 से 26 जनवरी, 2016 के बीच नवजात बच्चों में माइक्रोसेफेली के 4,000 से अधिक मामले सामने आए। जबकि वर्ष 2014 में पूरी दुनिया में इसके महज 147 मामले देखने को मिले थे।

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने हाल ही में बयान दिया कि ओलंपिक खेलों पर संभावित रूप से जीका वायरस का प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि आईओसी के निदेशक रिचर्ड बुडगेट ने गुरुवार को कहा था कि जीका वायरस के खतरे के कारण ओलंपिक खेलों को रद्द करने की कोई योजना है।

खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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