Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

डैमेज कंट्रोल के तहत अब सपा का ऐलान, अखिलेश ही होंगे सीएम कैंडिडेट

Published

on

Loading

akhilesh yadav

लखनऊ| उत्तर प्रदेश में समाजवादी परिवार में चल रहे विवाद और सियासी अटकलों के बीच उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने सोमवार को स्पष्ट किया विधानसभा चुनाव में अखिलेश ही पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरा होंगे। सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य सभा सांसद किरणमय नंदा ने सोमवार को कहा कि अखिलेश यादव ही मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे और चुनाव बाद वह ही मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि नेताजी (सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव) का यही संदेश है, वह यही चाहते हैं।

गौरतलब है कि सपा में मुख्यमंत्री के चेहरा को लेकर शुक्रवार को उस समय असमंजस की स्थिति पैदा हो गई, जब पार्टी मुखिया मुलायम ने एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर कहा कि चुनाव बाद विधायक तय करेंगे कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। मुलायम के इस बयान के सियासी गलियारे में कई मायने निकाले जाने लगे और सपा कार्यकर्ताओं में भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। राजधानी में यह भी चर्चा आम हो गई कि मुख्यमंत्री अखिलेश अब नई पार्टी बनाएंगे।

इन्हीं अटकलों के बीच सपा के राष्ट्रीय महामंत्री प्रो. रामगोपाल यादव ने मुलायम को एक पत्र लिखकर कहा कि अखिलेश को मुख्यमंत्री का चेहरा न बनाने से पार्टी को चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी पिछले दो दिन से बयान देने लगे कि चुनाव के बाद यदि पार्टी सत्ता में आई तो अखिलेश ही मुख्यमंत्री होंगे।

किरणमय नंदा ने कहा कि सपा मुखिया ने पिछले दिनों यह नहीं कहा था कि अखिलेश यादव पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरा नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि दरअसल मुलायम ने पार्टी का संविधान और सिद्धांत बताया था। पार्टी उपाध्यक्ष ने कहा, “अखिलेश के नेतृत्व में प्रदेश का जितना विकास हुआ है, उतना पूरे देश में कहीं नहीं हुआ। वही हमारे मुख्यमंत्री चेहरा होंगे।”

किरणमय नंदा ने पत्रकारों को बताया कि पार्टी नौ नवंबर से मुलायम संदेश यात्रा निकालेगी। इस यात्रा के माध्यम से भी जनता को संदेश दिया जाएगा कि अखिलेश यादव ही प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। यात्रा वाराणसी से शुरू होगी, जिसे प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending