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बिजनेस

अच्छे मानसून से चीनी का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद

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नई दिल्ली, 10 जुलाई (आईएएनएस)| चीनी के उत्पादन में 2016-17 में भारी गिरावट के बाद अधिकारियों व उद्योग जगत को उम्मीद है कि आगामी ‘चीनी वर्ष’ अधिक ‘मीठा’ होगा। इसका संकेत अच्छे मानसून का होना और खेतों से अच्छी उपज का संकेत मिलना है। साल 2016-17 में चीनी के उत्पादन में भारी कमी से 500,000 टन चीनी आयात करने को मजबूर होना पड़ा था।

कृषि मंत्रालय के अधिकारियों तथा निजी व सहकारी चीनी मिलों के संगठनों के प्रतिनिधियों के अनुसार, साल 2017-18 में (चीनी का वर्ष अक्टूबर से शुरू होता है) चीनी का उत्पादन 2.5 करोड़ टन पार होना है, जो 2016-17 के मुकाबले करीब 25 फीसदी ज्यादा होगा।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, गन्ना उत्पादक राज्यों, खास तौर से महाराष्ट्र में ज्यादातर जलाशय अपने सामान्य स्तर तक भर गए हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश में खेती के भाग के बढ़ने की उम्मीद है। राज्यों के गन्ना आयुक्तों के आकड़ों के अनुसार, हमें (चीनी के) उत्पादन 2.5 करोड़ टन से ज्यादा होने की उम्मीद है।

साल 2016-17 में लगातार तीन सूखा वर्षो के कारण चीनी के उत्पादन में 2 करोड़ टन की गिरावट आई। हालांकि, इस आंकड़े में 5-8 लाख टन जुड़ेगा, क्योंकि गन्ने की पेराई अब भी तमिलनाडु व कर्नाटक में जारी है।

नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएसएफ) व भारतीय चीनी मिल्स एसोसिएशन (आईएसएम) ने भी कहा कि आगामी सीजन में चीनी के उत्पादन में 2015-16 की तरह उछाल आएगा, जब यह 2.51 करोड़ टन पर पहुंच गया था।

एनएफसीएसएफ के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने कहा कि अनुमान के अनुसार आगामी मौसम में चीनी उत्पादन 2.5 करोड़ टन से ज्यादा होगा।

आईएसएमए के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा, हम सामान्य की तरफ लौटने की उम्मीद कर रहे हैं। आगामी मौसम में हमें मांग व आपूर्ति में संतुलन बने रहने की उम्मीद है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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