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अमेरिका : एप्पल 90000 लड़कियों को कोडिंग में सशक्त करेगा

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सैन फ्रांसिस्को, 1 मार्च (आईएएनएस)| महिला कोडरों और क्रिएटरों को सशक्त करने के प्रयास के तहत अमेरिका में लड़कियों के लिए कोडिंग एवेन्यूज स्थापित करने के लिए एप्पल ने अमेरिका के एक गैर-सरकारी संगठन ‘गर्ल्स हू कोड’ से समझौता किया है। आईफोन निर्माता कंपनी ने गुरुवार को एक ब्लॉग में यह घोषणा की कि ‘एव्रीवन कैन कोड’ पाठ्यक्रम का उपयोग कर अमेरिका के सभी 50 प्रांतों में 90 हजार लड़कियां और ‘गर्ल्स हू कोड’ की फेसिलिटेटर एप्पल की आसान प्रोग्रामिंग भाषा स्विफ्ट सीख सकेंगी, जिससे हजारों एप्स बने हैं।

भारतीय मूल की अमेरिकी अधिवक्ता रेशमा सौजानी की अध्यक्षता में ‘गर्ल्स हू कोड’ प्रोग्रामर की छवि बदलने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में लैंगिक असमानता को कम करने के लिए काम कर रही है।

संगठन प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को समर्थन करता है और उन्हें बढ़ावा देता है।

एप्पल में पर्यावरण, नीति और सामाजिक उपक्रमों की उपाध्यक्ष लिसा जैक्सन ने कहा, “महिलाओं ने भविष्य को आकार देने की हमारी योजनाओं को पाया है। हम ‘गर्ल्स हू कोड’ का सहयोग करने के लिए उत्साहित हैं, क्योंकि वह लड़कियों को भविष्य का डेवलपर और प्रौद्योगिकी नवोन्मेषक बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है।”

इस कार्यक्रम के तहत, आगंतुकों को ‘मेड वाई वीमेन’ सीरीज के लगभग 60 सत्र की अनुमति है। इन महिलाओं में कलाकार, संगीतकार, फोटोग्राफर, एप डेवलपर्स, वैज्ञानिक और उद्यमी शामिल हैं।

आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एप स्टोर महिलाओं द्वारा विकसित किए गए, बनाए गए और उनकी अगुआई में तैयार किए गए एप को हाईलाइट करेगा।

 

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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