अन्तर्राष्ट्रीय
‘अमेरिका के जाल में न फंसे भारत’
बीजिंग, 27 जून (आईएएनएस)| चीन के एक टिप्पणीकार ने कहा है कि चीन का विरोध करने के अमेरिका के प्रयास में अगर भारत उसका मोहरा बना तो उसे इसके ‘विनाशकारी नतीजे’ भुगतने होंगे। सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स प्रकाशित एक टिप्पणी में चेताया गया है, अगर भारत ने अपने गुट-निरपेक्ष रुख से पांव पीछे खींचे और चीन का विरोध करने में अमेरिका का मोहरा बना, तो वह खुद को एक रणनीतिक दुविधा में पाएगा और दक्षिण एशिया में एक नया भू-राजनीतिक टकराव को न्योता देगा।
यह चेतावनी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन में आमने-सामने मुलाकात तथा एक संयुक्त बयान में पाकिस्तान को अपनी सरजमीं का इस्तेमाल अन्य देशों के खिलाफ न करने देने की अपील के बाद सामने आई है।
लेख में अमेरिकी थिंकटैंक अटलांटिक काउंसिल का हवाला दिया गया है, जिसने एक नीति पत्र में कहा है कि दुनिया में बीजिंग के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए वाशिंगटन को नई दिल्ली की जरूरत होगी।
समाचार पत्र ने कहा है कि अमेरिका के लिए भारत बस एक मोहरा होगा, और इसमें गर्व करने लायक कुछ भी नहीं, बल्कि यह एक जाल की तरह है, जिसकी भारत को जांच करनी चाहिए।
लेख के मुताबिक, वाशिंगटन का नई दिल्ली के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने का मूल उद्देश्य केवल चीन को रोकने के लिए भारत का इस्तेमाल करना है।
ग्लोबल टाइम्स ने कहा है, वाशिंगट तथा नई दिल्ली चीन के विकास से चिढ़ते हैं। हाल के वर्षो में चीन पर भू-राजनीतिक दबाव बनाने को लेकर अमेरिका ने भारत को अपने साथ किया है।
लेख में कहा गया है, लेकिन जापान या ऑस्ट्रेलिया की तरह भारत अमेरिका का सहयोगी नहीं है। चीन के विरोध में अमेरिकी रणनीति भारत के हित में नहीं है। इसका विनाशकारी नतीजा सामने आ सकता है।
लेख में सुझाव दिया गया है कि बड़ी शक्ति बनने की अपनी महत्वाकांक्षा का अहसास करने के लिए चीन के साथ मजबूती से खड़े रहना नई दिल्ली के लिए मददगार होगा।
समाचार पत्र ने इशारा किया कि सन् 1950 तथा सन् 1960 में चीन को रोकने के लिए सोवियत संघ तथा अमेरिका दोनों ने भारत कार्ड खेलना चाहा, लेकिन नीति नाकाम साबित हुई।
लेख के मुताबिक, नई दिल्ली को भू-राजनीतिक जाल में फंसने से खुद बचाना चाहिए।
अन्तर्राष्ट्रीय
हिजबुल्लाह ने इजरायल पर दागे लगभग 250 रॉकेट, 7 लोग घायल
बेरूत। हिजबुल्लाह ने एक बार फिर इजरायल पर बड़ा हमला किया है। रविवार को हिजबुल्लाह ने इजरायल पर लगभग 250 रॉकेट और अन्य हथियारों से हमला किया। इस हमले में कम से कम सात लोग घायल हो गए है। हिजबुल्लाह का यह हमला पिछले कई महीनों में किया गया सबसे भीषण हमला है, क्योंकि कुछ रॉकेट इजरायल के मध्य में स्थित तेल अवीव इलाके तक पहुंच गए।
इजराइल की ‘मैगन डेविड एडोम’ बचाव सेवा ने कहा कि उसने हिजबुल्लाह द्वारा इजराइल पर दागे गए हमलों में घायल हुए सात लोगों का इलाज किया. युद्ध विराम के लिए वार्ताकारों की ओर से दबाव बनाए जाने के बीच हिजबुल्लाह ने ये हमले बेरूत में घातक इजराइली हमले के जवाब में किये
सेना का अभियान चरमपंथियों के खिलाफ
इसी बीच लेबनान की सेना ने कहा कि इजराइल के हमले में रविवार को लेबनान के एक सैनिक की मौत हो गई जबकि 18 अन्य घायल हो गए. इस घटना पर इजराइल की सेना ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमला हिजबुल्लाह के विरुद्ध युद्ध क्षेत्र में किया गया और सेना का अभियान केवल चरमपंथियों के खिलाफ हैं.
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