Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने यमन में वार्ता बहाली को सराहा

Published

on

अमेरिकी विदेश मंत्रालय

Loading

वाशिंगटन | अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यमन संघर्ष में विपक्षी पक्षों के बीच वार्ता बहाली के कदम की प्रशंसा की है। यह वार्ता 14 जून को जेनेवा में होनी है। समाचार एजेंसी ‘एफे’ ने यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, “संयुक्त राष्ट्र ने छह जून की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि यमन के हितधारकों के बीच संयुक्त राष्ट्र के समर्थन से हो रही यह वार्ता 14 जून को जेनेवा में शुरू होगी। हम यमन के लोगों से अच्छी भावना और बिना किसी पूर्व शर्त के इस वार्ता में शामिल होने की सुरक्षा परिषद की प्रतिबद्धता दोहराते हैं।”

संयुक्त राष्ट्र ने छह जून को घोषणा की थी कि यमन के राष्ट्रपति अब्द रब्बू मंसूर वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे, जिसमें यमन के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे।गौरतलब है कि गुरुवार को इसकी पुष्टि की गई थी कि इस वार्ता में यमन की राजधानी सना और देश के अन्य हिस्सों में कब्जा जमा चुके शिया हौती विद्रोही भी हिस्सा लेंगे। यमन में मार्च से सशस्त्र संघर्ष में इजाफा हुआ है, जिसमें हजार से अधिक नागरिकों की मौत हो चुकी है।

अन्तर्राष्ट्रीय

मक्का में भीषण गर्मी से अब तक 1300 से अधिक हज यात्रियों की मौत, 98 भारतीय भी शामिल

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सऊदी अरब में भीषण गर्मी से मरने वाले हाजियों की संख्या 1300 के पार हो गई है। कई वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें सड़क पर हाजियों के शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। रविवार को सऊदी अरब ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि हज यात्रा के दौरान इस साल कम से कम 1301 लोगों की मौत हुई है। जिनमें गर्मी के कारण कई लोगों की जान गई। जबकि पांच में से चार लोगों की जान “अनधिकृत” यात्राओं के कारण हुईं. सऊदी अरब सरकार ने एक बयान में कहा कि, “इस साल गर्मी ने स्वास्थ्य प्रणाली को प्रभावित किया, जिससे कई लोग परेशान हो गए। अफसोस की बात ये है कि इस दौरान 1,301 लोगों की मौत हो गई।

सरकारी टीवी अल अखबरिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि 95 तीर्थयात्रियों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ को इलाज के लिए हवाई मार्ग से राजधानी रियाद लाया गया है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, उन्होंने कहा कि मृत तीर्थयात्रियों की पहचान प्रक्रिया में देरी हुई क्योंकि कई के पास कोई दस्तावेज नहीं थे। उन्होंने बताया कि मृतकों को मक्का में दफनाया गया, लेकिन इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। इस साल हज के दौरान 98 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। मृतकों में सबसे बड़ी संख्या मिस्र के तीर्थयात्रियों की है। मिस्र के 660 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है। काहिरा में दो अधिकारियों ने बताया कि 31 को छोड़कर सभी गैर-पंजीकृत तीर्थयात्री थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कहा गया है कि मृतक लोगों में कई बुजुर्ग और लंबे समय से बीमार व्यक्ति शामिल हैं। इस साल हज यात्रा के दौरान सैकड़ों मौतों और चोटों के पीछे अत्यधिक गर्मी को मुख्य वजह बताया गया। बीते सोमवार को मक्का में तापमान 51.66 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बता दें कि इस साल सऊदी अरब प्रशासन ने हज यात्रा के लिए दुनियाभर के 18 लाख लोगों को हज पर आने की इजाजत दी थी। इसमें हजारों ऐसे यात्री भी शामिल हुए जिन्हें हज के लिए लाइसेंस नहीं दिया गया था। जिसके चलते उन्हें हज यात्रियों जैसी सुविधाएं नहीं मिली। इसलिए वह खुले आसमान में रहने को मजबूर हो गए। साथ ही उन्हें अधिकृत रूप से हाजियों को ले जाने वाली बसों में भी यात्रा का लाभ नहीं जिसके चलते ये लोग गर्मी का शिकार हो गए और कई की इसमें जान चली गई।

Continue Reading

Trending