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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका : पुलिस गोलीबारी में मारे गए अफ्रीकी मूल के शख्स के लिए मार्च

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सैक्रामेंटो, 1 अप्रैल (आईएएनएस)| कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो में शनिवार को सैकड़ों लोगों ने एक जुलूस निकालकर इस महीने की शुरुआत में अपने दादी के घर के बाहर पुलिस गोलीबारी में मारे गए निहत्थे अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिक को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके लिए न्याय की मांग की।

समाचार एजेंसी ‘एफे’ के अनुसार, मार्च का आयोजन कैलिफोर्निया की राजधानी सैक्रामेंटो में हुआ।

यह मार्च पूर्व एनबीए बास्केटबॉल खिलाड़ी मैट बार्नेस के नेतृत्व में हुआ, जिन्होंने गुरुवार को स्टीफन क्लार्क के ताबूत को कंधा दिया और डीमार्कस कजिंस के साथ उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे। यह दोनों स्थानीय सैक्रामेंटो किंग्स टीम के पूर्व खिलाड़ी रह चुके हैं।

बार्नेस ने कहा, वे हमें लगातार मार रहे हैं और यह हम में से कोई भी हो सकता है। आपकी त्वचा का रंग काला होने का मतलब है कि आप दोषी हैं।

उन्होंने कहा, सच्चाई यह है कि यहां बहुत भेदभाव है, जिसे हम समझ नहीं पा रहे हैं। हम नहीं सुनते हैं और जो हम नहीं जानते हैं, हम उससे डरते हैं। हम पुलिस को नहीं जानते और इसलिए हम उनसे डरते हैं। वे हमें नहीं जानते और इसलिए वे हमसे डरते हैं।

उन्होंने अफ्रीकी मूल के अमेरिकी समुदाय को आमंत्रित किया कि वह पुलिस के साथ मिलकर अधिकारियों से आग्रह करे कि वे ‘अपनी गश्ती वाली कारों से बाहर निकलें’ और निवासियों को जानने के लिए अपने आसपास के इलाकों में पैदल चलना शुरू करें।

अपने बाहों में क्लार्क के दोनों बच्चों को उठाए पूर्व बास्केटबॉल खिलाड़ी ने उन बच्चों की कॉलेज शिक्षा के लिए भुगतान करने के लिए एक कोष बनाने की प्रतिबद्धता जताई।

क्लार्क के परिवार ने प्रदर्शनकारियों के समूह से भी बात की और उनके लिए न्याय की मांग की, जो मात्र 22 वर्ष के थे, जब 18 मार्च को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।

दो पुलिसकर्मियों -टेरेंस मर्काडल और जेयर्ड रॉबिनेट- ने अपनी दादी के घर के पिछवाड़े खड़े क्लार्क पर 20 गोलियां दागी थी, क्योंकि उन्हें लगा कि वह बंदूक पकड़े हैं और इससे कोई खतरा हो सकता है। लेकिन बाद में उनके शव के पास केवल सेलफोन बरामद हुआ था।

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अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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