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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी कामबंदी : पार्टियों के बीच खर्च संबंधी विधेयक पर सहमति के प्रयास

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वाशिंगटन, 22 जनवरी (आईएएनएस)| अमेरिका में सरकारी कामकाज ठप होने के दूसरे दिन सीनेटर सरकारी खर्च संबंधी विधेयक पर सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

हालांकि, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन सीनेटर इस कामबंदी के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार भी बता रहे हैं।

बीबीसी के मुताबिक, डेमोक्रेट सांसद चाहते हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बजट पर सहमति के लिए पहले आव्रजन पर चर्चा करें लेकिन रिपब्लिकन का कहना है कि इस संबंध में कोई समझौता संभव नहीं है। इस वजह से अल्पकालिक व्यय विधेयक पारित नहीं हुआ और सभी संघीय सेवाएं ठप पड़ गईं हैं।

ट्रंप ने इस गतिरोध को खत्म करने के लिए सामान्य बहुमत वोट का आह्वान किया है।

सीनेट के नियमों के तहत विपक्षियों द्वारा खड़े किए गए अवरोधों को दूर करने के लिए विधेयक को 100 सदस्यीय सदन में 60 वोटों की जरूरत है।

सीनेट में रिपब्लिकन के पास मौजूदा समय में 51 सीनेटर हैं और इस बजट को पारित करने के लिए कुछ डेमोक्रेट के सहयोग की भी जरूरत होगी।

लेकिन, ट्रंप का कहना है कि बहुमत वोट हासिल करने के लिए ‘न्यूक्लियर’ विकल्प जरूरी है। न्यूक्लियर विकल्प एक संसदीय प्रक्रिया है, जिसके तहत अमेरिकी सीनेट किसी भी नियम को निरस्त कर सकती है।

रिपब्लिकन सीनेट नेता मिच मैक्कॉनेल का कहना है कि आठ फरवरी तक सरकारी खर्च मुहैया कराने वाले विधेयक पर सोमवार को मतदान होगा।

देशभर में संघीय सेवाएं ठप हैं और हजारों की संख्या में संघीय कर्मचारी अवैतनिक छुट्टी पर चले गए हैं।

देश में आखिरी बार 2013 में 16 दिनों के लिए सरकारी कामकाज ठप पड़ा था।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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