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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी बमवर्षक ने अफगानिस्तान में रिकार्ड बम बरसाए

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वाशिंगटन, 7 फरवरी (आईएएनएस)| अमेरिकी बमवर्षक विमान बी-52 ने इस सप्ताह अफगानिस्तान में हमलों की एक रिकार्ड श्रृंखला स्थापित की।

इस विमान ने तालिबान के ठिकानों पर 96 घंटों में लक्ष्य केंद्रित कर 24 बम बरसाए। अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना ने मंगलवार को एक बयान में कहा, बी-52 स्ट्रैटोफोर्टेस से लक्ष्य को केंद्रित कर 24 बम बरसाए गए, जोकि अमेरिकी युद्धक बेड़े में शामिल इस पुराने बम वर्षक विमान से अब तक सबसे ज्यादा बम बरसाने की घटना है। अमेरिकी सेना ने यह कार्रवाई तालिबान के आतंकी धन श्रोतों, प्रशिक्षण केंद्रों, और समर्थक नेटवर्क को समाप्त करने के लिए की है।

सीएनएन के अनुसार, 185,000 पाउंड के भार वाले बी-52 बमवर्षक विमान को अमेरिकी सेना ने सबसे पहले शीतयुद्ध के समय अपने बेड़े में शामिल किया था। लंबी और ऊंची दूरी से बम बरसाने की क्षमता वाले इस विमान को वास्तव में सोवियत संघ पर बम बरसाने के लिए तैयार किया गया था।

अमेरिका ने नए बी-52 को वर्ष 1962 में अपने बेड़े में शामिल किया और 159 फुट लंबा यह विमान शीतयुद्ध का आईकन बन गया। प्रत्येक विमानों में 70 हजार पाउंड के बमों और मिसाइलों को ले जाने की क्षमता है।

सीएनएन के अनुसार, अमेरिका ने ये हमले जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में तालिबान की ओर से सिलसिलेवार बम हमलों के बाद किया है। इन हमलों में 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

अमेरिकी सेना के अनुसार, तालिबान के युद्धक जगहों के अलावा हमने बडखसान प्रांत के प्रशिक्षण केंद्रों और अफगान नेशनल आर्मी के चुराए गए वाहनों को निशाना बनाया। ये लोग इन वाहनों को हमले के लिए तैयार कर रहे थे।

अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के कमांडर जनरल जॉन निकोलसन ने कहा कि तालिबान के पास अब कहीं छुपने की जगह नहीं है।

उन्होंने कहा, इस देश को हानि पहुंचाने वाले किसी भी आतंकवादी समूहों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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