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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी राज्य में गोली से मौत की सजा पर विवाद

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वाशिंगटन| अमेरिकी राज्य उटा में मृत्यदंड पाए दोषियों को गोली मारकर दी जाने वाली सजा एक बार फिर शुरू हो जाने के बाद इसके समर्थकों और विरोधियों के बीच विवाद बढ़ा गया है। उटा में इस आशय के विधेयक पर गवर्नर गैरी हर्बर्ट के सोमवार के हस्ताक्षर के बाद गोली मारकर मौत की सजा देने का कानून प्रभाव में आ गया है। इसकी आलोचना करते हुए अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन की उटा शाखा के कार्यकारी निदेशक कारेन मैक्क्रेरी ने मंगलवार को कहा, “यह मृत्युदंड देने का बर्बर और क्रूर तरीका है।”

वहीं, नए कानून को लेकर पैदा हुए विवादों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गर्वनर के प्रवक्ता मार्टी कारपेंटर ने कहा, “जो लोग इस कानून के विरोध में बोल रहे हैं, वे सामान्य तौर पर मृत्युदंड के विरोधी हैं, लेकिन हमारे राज्य में यह फैसला पहले ही लिया जा चुका है।”

गवर्नर हर्बर्ट ने सोमवार को विधेयक पर हस्ताक्षर करके घातक इंजेक्शन खत्म हो जाने की स्थिति में मृत्युदंड पाए दोषियों को गोली मारकर मौत की सजा देने की अनुमति दी थी।

उटा, मृत्युदंड के लिए इस तरह के उपाय करने वाला अमेरिका का अकेला राज्य नहीं है। पिछले साल टेनिसी ने मृत्युदंड के लिए बिजली की कुर्सी पर बैठाकर मौत की सजा देने का चलन फिर से शुरू किया था।

अरकंसास राज्य में गोलीमारने के दस्ते द्वारा और ओकलाहोमा में गैस चैंबर के माध्यम से मृत्युदंड देने के तरीके को वापस लागू करने पर विचार किया जा रहा है।

अमेरिका में घातक इंजेक्शन के लिए मृत्युदंड देने का तरीका सबसे ज्यादा प्रचलित है। देश में 1976 में मृत्युदंड का कानून पुन:बहाल होने के बाद मृत्युदंड पाने वाले 1,404 में से 1,229 अपराधियों को घातक इंजेक्शन के जरिए मौत की सजा दी गई।

हालांकि, इंजेक्शन में प्रयोग होने वाली दवाएं उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में वैकल्पिक तरीकों पर विचार किया जा रहा है।

यह समस्या 2011 से शुरू हुई थी, जब अधिकारियों को घातक इंजेक्शन में प्रयोग होने वाले रसायनों की कमी का समाना करना पड़ा था, क्योंकि अमेरिकी निर्माता होस्पिरा ने फार्मूले के एक महत्वपूर्ण घटक का निर्माण बंद कर दिया था।

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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