Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

अमेरिकी सीनेट से फास्ट ट्रैक व्यापार विधेयक को मंजूरी

Published

on

फास्ट ट्रैक व्यापार विधेयक

Loading

वाशिंगटन | अमेरिकी सीनेट ने फास्ट ट्रैक व्यापार विधेयक के नाम से जाने जाने वाले ‘ट्रेड प्रमोशन अथॉरिटी’ (टीपीए) को मंजूरी दे दी, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति को व्यापारिक समझौते करने का अधिकार दिया गया है। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्टों से मिली। बुधवार को सीनेट से मंजूर हुए इस विधेयक को अब राष्ट्रपति बराक ओबामा के पास उनके हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा।

सीनेट में विधेयक को 38 के मुकाबले 60 मत पड़े। इस विधेयक के मुताबिक राष्ट्रपति व्यापारिक समझौता करने के बाद उसे कांग्रेस की मंजूरी के लिए भेज सकेंगे, जिसे कांग्रेस बिना संशोधन मंजूर या खारिज कर सकेगा। इस विधेयक के कानून बन जाने से ओबामा को ट्रांस-पैसेफिक पार्टनरशिप (टीपीपी) मुक्त व्यापार समझौते के लिए पांच साल से अधिक समय से चल रही वार्ता को आखिरी रूप देने में मदद मिलेगा।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

By

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending