प्रादेशिक
आईआईटी-मद्रास के सामने छात्र संगठनों का प्रदर्शन
चेन्नई | केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना के कारण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-मद्रास द्वारा छात्रों के संगठन अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्कल (एपीएससी) की मान्यता रद्द किए जाने के फैसले के खिलाफ शनिवार को विभिन्न छात्र संगठनों ने प्रदर्शन किया। आईआईटी-मद्रास ने कहा कि एपीएससी की मान्यता रद्द कर दी गई है, क्योंकि वह केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रचार कर रहा था और हिंदू संप्रदाय व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ घृणा फैला रहा था।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), मरुमलरची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), विदुथलाई चिरुथाइगल काची (वीसीके), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने आईआईटी मद्रास के फैसले की निंदा करते हुए इसे अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ बताया है। इन पार्टियों ने मांग की है कि छात्र संगठन की मान्यता बहाल हो। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और केंद्रीय मंत्री पी. राधाकृष्णन ने आईआईटी मद्रास के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि संस्थान ने कार्रवाई की ताकि छात्रों को सही मार्ग पर लाया जा सके।
भाजपा के सचिव एच. राजा के मुताबिक, एपीएससी के सदस्यों द्वारा दिए गए बयान राष्ट्र विरोधी हैं और इस छात्र संगठन की मान्यता कई महीनों पहले रद्द कर देनी चाहिए थी। हिंदू मक्कल काटची (एचएमके) के सदस्यों ने आईआईटी मद्रास के फैसले के समर्थन में संस्थान के बाहर प्रदर्शन किया। डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) और रिवॉल्यूशनरी स्टूडेंट फेडरेशन (आरएसएफ) के सदस्यों ने भी एपीएससी की मान्यता रद्द करने के फैसले के खिलाफ आईआईटी मद्रास के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस ने महिलाओं और महिला छात्रों समेत कई लोगों को हिरासत में लिया है। उन्हें सड़क पर प्रदर्शन करने और यातायात बाधित करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है।
कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने शास्त्री भवन के बाहर प्रदर्शन किया। शास्त्री भवन में केंद्र सरकार के कई दफ्तर हैं। किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए आईआईटी मद्रास और शास्त्री भवन के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। आईआईटी मद्रास के मुताबिक, संस्थान अभिव्यक्ति या बोलने की आजादी में कमी नहीं कर रहा, लेकिन यह छात्रों के समूह से उम्मीद करता है कि वे अपनी गतिविधियों को प्रचारित करने और समर्थन जुटाने के लिए संस्थान के नाम का इस्तेमाल नहीं करने जैसे दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
-
उत्तराखंड2 days ago
उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन पर अपनाया सख्त रुख
-
उत्तराखंड2 days ago
जगद्गुरु रामभद्राचार्य अस्पताल में भर्ती, सांस लेने में तकलीफ
-
राजनीति2 days ago
महाराष्ट्र विस चुनाव: सचिन ने डाला वोट, बोले- सभी लोग बाहर आकर मतदान करें
-
मध्य प्रदेश2 days ago
24 से 30 नवंबर तक यूके और जर्मनी प्रवास पर रहेंगे सीएम मोहन यादव, प्रदेश में निवेश लाना है मकसद
-
मुख्य समाचार2 days ago
VIDEO : 96 लाख रुपये बैटिंग एप में हारने वाले लड़के को देखें, कैसे हारा इतना पैसा
-
बिहार3 days ago
बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी पर लगी रोक, शिक्षा मंत्री ने किया ऐलान
-
प्रादेशिक2 days ago
यूपी उपचुनाव : मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर बवाल, पुलिस ने संभाला मोर्चा
-
अन्य राज्य2 days ago
महाराष्ट्र और झारखंड में वोटिंग करने के लिए पीएम मोदी ने की खास अपील