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मुख्य समाचार

आईएएस अधिकारियों ने बैठकों में हिस्सा लिया, केजरीवाल का धरना समाप्त

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नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)| आईएएस अधिकारियों ने मंगलवार को दिल्ली सरकार द्वारा बुलाई गई बैठकों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया, और इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नौ दिन के अपने धरने को समाप्त कर दिया और राजनिवास से बाहर निकल आए।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, समाज कल्याण मंत्री राजिंदर पाल गौतम और खाद्य मंत्री इमरान हुसैन द्वारा बुलाई गई बैठकों में आईएएस अधिकारियों के शामिल होने के बाद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय-सह-आवास से निकलने का निर्णय लिया।

सिसोदिया ने कहा कि अधिकारी अब मंत्रियों के फोन भी उठा रहे हैं। सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने भी कई अधिकारियों से बात की।

सिसोदिया ने संवाददाताओं को बताया, मंगलवार को मंत्रियों द्वारा बुलाई गई बैठक में मुख्य सचिव सहित सभी शीर्ष अधिकारी शामिल रहे।

सिसोदिया ने कहा, अपने मंत्रिमंडलीय साथी गोपाल राय के साथ राज निवास से निकलने के बाद केजरीवाल अपने घर गए।

बैजल ने केजरीवाल को पत्र लिखकर दिल्ली सचिवालय में अधिकारियों से मुलाकात करने का आग्रह किया और इसके कुछ घंटों बाद ही केजरीवाल ने राज निवास छोड़ने का निर्णय लिया।

गरीबों को घर-घर राशन की आपूर्ति करने की मांग के बारे में पूछने पर सिसोदिया ने कहा कि इसका समाधान बाहर से भी हो सकता है।

उन्होंने कहा, उपराज्यपाल ने जब नौ दिनों तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो और इंतजार करने का कोई मतलब नहीं।

सिसोदिया ने जोर देकर कहा कि दिल्ली सरकार अधिकारियों के खिलाफ नहीं थी।

केजरीवाल ने दिल्ली सरकार में कार्यरत आईएएस अधिकारियों को अघोषित हड़ताल खत्म करने का निर्देश देने की मांग के लिए अपने तीन मंत्रियों के साथ 11 जून से राज निवास में धरने पर थे।

भूख हड़ताल पर बैठे दो मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडलीय साथी गोपाल राय ने अपना धरना जारी रखा था, जिसे देश के कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिला था।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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