खेल-कूद
आईएसएल ने भारतीय खिलाड़ियों का किया है कायापलट
मुंबई, 11 नवंबर (आईएएनएस)| भारतीय फुटबाल का विकास, हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की मुख्य विचारधारा है। यह जितना सरल है, उतना ही जटिल भी है। एक लीग का खिलाड़ियों और खेल के विकास में कितना योगदान रहा है? इसके आकलन के लिए तीन सीजन काफी कम होंगे, लेकिन आईएसएल के मामले में कुछ उदाहरण ऐसे हैं, जो तीन सीजन के बाद ही यह साबित कर सकते हैं कि भारत में इस खेल के विकास के लिए इस लीग की कितनी अहम भूमिका रही है। साल 2014 में आईएसएल के साथ जुड़ने के बाद सभी टीमों के डिफेंडरों के लिए सिरदर्द बने रहे केरला ब्लास्टर्स के स्टार कनाडाई फारवर्ड इयान ह्यूम आज यह बताने की स्थिति में हैं कि आईएसएल ने अपनी शुरुआत से लेकर कितना सार्थक विकास किया है।
इस लीग की अवधि, प्रायोजन संबधी चीजें, टीमों की संख्या, विदेशी खिलाड़ियों की संख्या, मनोरंजक पक्ष और कई अन्य बातों को लेकर ह्यूम ने कई सारी बातें साझा कीं।
मुंबई में आयोजित आईएसएल मीडिया-डे के अवसर पर ह्यूम ने कहा, कई लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या हीरो आईएसएल ने भारतीय फुटबाल के विकास में योगदान दिया है। मेरे मन में इस बात को लेकर कोई शंका नहीं है कि इस लीग ने अपने मकसद को हासिल किया है। मैंने देखा है कि मेरे साथ और मेरे खिलाफ खेलने वाले भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार विकास किया है। मेरे लिए 2014 और 2017 के बीच का अंतर काले और सफेद जैसा है। तीन साल में हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। इस विकास को भारतीय फुटबाल टीम की नई ऊंचाइयों के रूप में भी देखा जा सकता है। भारत अब फीफा रैंकिंग में शीर्ष-100 में शामिल हो चुका है।
ह्यूम आईएसएल के पहले सीजन में केरल के लिए खेले थे। वह येलो आर्मी के नाम से मशहूर केरल टीम के एक खिलाड़ी को सामने रखते हुए आईएसएल से हासिल मौकों के कारण भारतीय खिलाड़ियों के विकास का उदाहरण देना चाहते हैं।
बकौल ह्यूम, मेरे मन में हीरो आई-लीग के प्रति पूरा सम्मान है लेकिन हीरो आईएसएल आज उससे एक कदम आगे निकल चुका है। आप संदेश झिंगन को देखिए। इस खिलाड़ी में गजब का बदलाव आया है। झिंगन बीते तीन सीजन में एरान ह्यूज, कार्लोस माचेर्ना, सेड्रिक हेंगबार्ट व अन्य दिग्गजों के साथ खेले हैं। जब उन्होंने हमारे साथ खेलना शुरू किया था, तब वह उतने लोकप्रिय नहीं थे लेकिन उन्हें अब देखिए। वह आज कई मौकों पर भारतीय टीम का नेतृत्व कर रहे हैं।
झिंगन ने पहले सीजन में केरल की सफलता में अहम भूमिका निभाई थी। यह टीम फाइनल में पहुंची थी लेकिन कोलकाता के हाथों 1-0 से हार गई थी। इसके बाद से 24 साल के इस खिलाड़ी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
ऐसा नहीं है कि आईएसएल ने सिर्फ झिंगन को संवारा है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जो इस फेहरिस्त में शामिल हो सकते हैं। मसलन, बेंगलुरू एफसी के फुल-बैक राहुल भेखे, चेन्नईयन एफसी के जेजे लालपेखलुवा। इन खिलाड़ियों ने भी आईएसएल के माध्यम से खुद को सजाया और संवारा है। अधिक प्रतिस्पर्धी ब्रांड फुटबाल खेलकर ये खिलाड़ी लंबे समय तक दबाव खेलने के काबिल हो चुके हैं।
चेन्नई टीम के कोच जॉन ग्रेगरी ने कहा, हमारे पास अनिरुद्ध थापा, जेरी लालरिंजुआला और जर्मनप्रीत सिंह जैसे युवा खिलाड़ी हैं। ये खिलाड़ी इस सीजन के दौरान अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे, लेकिन अगर ये सिर्फ 10 मिनट के लिए मैदान में उतरेंगे तो इनका भला नहीं होगा। इन्हें मुख्य टीम का सदस्य बनना होगा, जो देश भर के करोड़ों फुटबाल प्रेमियों की निगाह में रहते हुए उच्चस्तरीय फुटबाल खेलते हैं।
यह साफ है कि हीरो आईएसएल में सिर्फ अवधि और टीमें ही नहीं बढ़ रही हैं, बल्कि झिंगन जैसे खिलाड़ी इस लीग के माध्यम से आगे निकलकर भारतीय टीम का प्रतिनिधत्व करते दिख रहे हैं।
खेल-कूद
IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात
पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।
इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।
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