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प्रादेशिक

आईटीबीपी में आठ सहायक सेनानी मुख्यधारा में शामिल

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  • विनोद कुमार को मिला ओवरऑल बेस्ट ट्रेनी अवार्डITBP Commandant

देहरादून। मसूरी स्थित आईटीबीपी परिसर में वीरवार को आठ सहायक सेनानी हिमवीरों की मुख्यधारा में शामिल हो गये। इनको 25 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद मुख्यधारा में शामिल किया गया है। आईटीबीपी अकादमी में आयोजित एसी जीडी बेसिक कोर्स के दीक्षांत एवं शपथ ग्रहण समारोह में इन सहायक सेनानियों ने देश की आन-बान और शान को बनाए रखने की शपथ ली। इन सहायक सेनानियों में उत्तराखंड़ से दो, हरियाणा से दो, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल से एक-एक सहायक सेनानी बने।

आईटीबीपी की वेशभूषा में सजे नव सैन्य अधिकारियों की परेड का निरीक्षण अकादमी के निदेशक और महानिरीक्षक एचएस गौराया ने किया। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि निदेशक एचएस गौराया ने कहा कि 25 सप्ताह में प्रशिक्षण के दौरान जो कुछ भी इन नव सैन्य अधिकारियों ने सीखा, वह जीवन पर्यंत काम आएगा। शपथ लेने के बाद अब इनके सामने कई चुनौतियां आएंगी। इनको धैर्य और संयम के साथ चुनौतियों का सामना करना होगा। इन नव सैन्य अधिकारियों को देश के विभिन्न हिस्सों से लेकर खासतौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी का नेतृत्व करने का अवसर मिलेगा।

उस वक्त प्रशिक्षण में जो सिखाया गया, वही काम आएगा। दीक्षांत समारोह में कराटेबाजों ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। परेड के बाद नव सैन्य अधिकारियों के कंधों पर परिजन और बल के अधिकारियों ने बैज लगाए। इसके बाद नव सैन्य अधिकारियों ने टोपी उछालकर जश्न मनाया। प्रशिक्षण के दौरान उत्तराखंड के हरिद्वार के विनोद कुमार को ओवरऑल बेस्ट ट्रेनी के खिताब से नवाजा गया। जबकि, बेस्ट इनडोर का अवार्ड प्रवीण कुमार और बेस्ट आउटडोर का अवार्ड देवाशीष राय को दिया गया।

‘देश सेवा के लिए हमेशा रहूंगा तत्पर’
हरिद्वार जनपद के खानपुर ब्लाक के प्रहलाद किसान परिवार में जन्मे विनोद अपनी ईमानदार कोशिश और परिश्रम केे बल पर सिपाही से अधिकारी बन गए। विनोद कुमार के पिता सौराज गांव में खेतीबाड़ी का काम करते हैं। विनोद वर्ष 2002 में आईटीबीपी में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे। सिपाही से सफर शुरू करने के बाद आज विनोद असिस्टेंट कमांडेंट बन गए हैं। सिपाही से एक अधिकारी तक का सफर तय करने वाले विनोद कुमार का कहना है कि ईमानदार कोशिश और कठिन परिश्रम इंसान के लक्ष्य को आसान कर देता है। हालांकि लक्ष्य साधने के लिए अन्य घटक भी कारगर होते हैं।

विनोद ने युवाओं का संदेश दिया कि पैरामिलिट्री और सेना में अपार संभावनाएं हैं। राष्ट्र सेवा का स्वर्णिम अवसर ही सेना में मिलता है। आईटीबीपी अकादमी के परेड मैदान में नवें एससी जीडी के दीक्षांत समारोह में विनोद कुमार न सिर्फ सिपाही से अधिकारी बने, बल्कि इन्हें ओवरऑल बेस्ट ट्रेनी के खिताब से भी नवाजा गया। इस शानदार परेड की गवाह विनोद की मां विम्मू देवी भी बनीं। बेटे की सफलता पर विम्मू देवी कुछ बोल नहीं पाईं। खुशी से वह भावविभोर हो गईं। स्वास्थ्य खराब होने के कारण उनके पिता परेड का हिस्सा नहीं बन पाए।

अन्य राज्य

हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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