मुख्य समाचार
आतंक फैलाने के लिए आईएस ने लॉन्च किया एप!
वाशिंगटन। दुनिया के कई देशों में अपने पैर पसार चुका आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) अपने खूंखार अभियान के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का भी बखूबी सहारा ले रहा है। इसी क्रम में आतंकी संगठन ने एक एप लॉन्च किया है जो फांसी और युद्ध के मैदान में संगठन की जीत के समाचार और वीडियो दिखाता है और साथ ही संगठन के एजेंडे का प्रचार भी करता है।
पत्रिका फॉर्च्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, एंड्रायड आधारित यह एप समाचार एजेंसी ‘अमाक’ द्वारा संचालित एक समाचार पोर्टल है जो कि आईएस के साथ संबद्ध एक संगठन है। डिजिटल मंचों पर आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए हैकिंग समूह ‘घोस्ट सिक्योरिटी ग्रुप’ द्वारा ‘अमाक न्यूज’ नाम के इस एप का पता लगाया गया है।
एप को संगठन के प्रचार के लिए डिजाइन किया गया है। एप को शुरू करते ही न्यूज फीड और वीडियो चलाने के लिए आइकन्स दिखाई देते हैं। हालांकि एप शायद आईएस के नियंत्रण के बाहर के क्षेत्रों में काम नहीं करेगा। घोस्ट सिक्योरिटी ग्रुप के मुताबिक, एप को गूगल प्ले स्टोर जैसे एंड्रॉयड बाजार से डाउनलोड नहीं किया जा सकता।
इसके स्थान पर टेलीग्राम एप और अन्य एंक्रिप्टेड संचार माध्यमों के जरिए डाउनलोड का एक लिंक आईएस के सदस्यों के बीच शेयर किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता किसी एंड्रॉयड उपकरण में यह एप डाउनलोड कर सकते हैं।
ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब द्वारा प्रतिबंध के चलते आईएस ने जिहादियों के लिए अपना एक सोशल नेटवर्क ‘किलाफाबुक’ भी तैयार किया है क्योंकि आईएस के लिए भर्ती की रणनीति तैयार करने के लिए सोशल मीडिया बेहद अहम है। कन्वर्सेशन डॉट कॉम के मुताबिक, फेसबुक युवाओं, समर्थकों और रंगरूटों को इस्लाम का हवाला देते हुए और प्रचार के माध्यमों से हिंसा के कृत्यों के लिए उकसाने के लिए एक प्रमुख मंच है।
आईएस आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बनाने के लिए कूट संदेश एप्स का इस्तेमाल करता है जिनमें किक, श्योरस्पॉट, विकर और टेलीग्राम शामिल है। इन्हें हैक करना आसान नहीं है। घोस्ट सिक्योरिटी ग्रुप का दावा है कि वह ऐसे 1,00,000 से भी अधिक सोशल मीडिया खातों को बंद कर चुका है, जिनका इस्तेमाल आतंकी संगठन सदस्यों की नियुक्ति के लिए कर रहा था।
मुख्य समाचार
बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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