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मुख्य समाचार

आधार हाउसिंग फाइनेंस का मुनाफा 103 फीसदी बढ़ा

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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)| डीएचएफएल वैश्य हाउसिंग फाइनेंस के साथ विलय के बाद आधार हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान मुनाफे में 103 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान कंपनी का मुनाफा 100 करोड़ रुपये रहा, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में यह 49 करोड़ रुपये था। वहीं, इस दौरान कंपनी की आय 798 करोड़ रुपये रही, जोकि वित्त वर्ष 2016-17 में 543 करोड़ रुपये थी।

कंपनी ने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान उसका कुल ऋण वितरण 3,905 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में यह 2338 करोड़ रुपये था। इस दौरान कंपनी का सकल खुदरा एनपीए (एयूएम पर) 0.58 फीसदी था।

बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी की कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एयूएम) 7966 करोड़ रुपये रही, जो कि वित्त वर्ष 2016-17 में 4991 करोड़ रुपये थी।

आधार हाउसिंग फाइनेंस लि. के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी देव शंकर त्रिपाठी ने कहा, सबके लिए आवास योजना ने किफायती आवास फाइनेंस सेगमेंट को काफी बढ़ावा दिया है, जिसके चलते वित्त वर्ष 2017-18 के लिए मज्र्ड इकाई का प्रदर्शन शानदार रहा। आधार को चालू वर्ष में एनपीए 0.5 फीसदी पर बनाए रखते हुए, 75,000 नए खाते जोड़कर वितरण में 60 फीसदी की बढ़ोतरी हासिल करने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि आधार अपना दायरा बढ़ाते हुए उन लोगों तक पहुंचने के लिए वचनबद्ध है, जो लोन दिए जाने के लिए विश्वासपात्र तो हैं, लेकिन अभी उन तक कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान नहीं पहुंचा है। विस्तार के दौरान कंपनी करोड़ों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समर्पित बनी रहेगी। हमारा मुख्य ध्यान ग्राहक केंद्रीयता पर है, जिसके लिए हमने टियर 2,3,4 शहरों/कस्बों में अपने मौजूदा 1500 केंद्रों (स्पोक लोकेशंस) को बढ़ाकर 2500 तक करने और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने की योजना बनाई है। ये नए केंद्र आधार के नए ‘वैकल्पिक चैनल’ का हिस्सा होंगे और वहां ग्राहकों को संसाधन व सेवाएं मुहैया कराने के लिए समर्पित टीम तैनात रहेगी।

कंपनी ने बताया कि आधार एक आकर्षक सावधि जमा (क्रिसिल रेटिंग एफएए) योजना की पेशकश भी कर रहा है, जो न केवल अच्छे रिटर्न देती है, बल्कि तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए एफडी पर लोन सुविधा भी प्रदान करती है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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