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आम आदमी को राहत, नहीं बढ़ेगी ईएमआई

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नई दिल्ली| भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को अपनी छठी द्विमासिक नीतिगत समीक्षा में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। ब्याज दरों में परिवर्तन न होने का अर्थ यह है कि घर, वाहन और अन्य कर्जों पर ईएमआई किस्तों में कोई भी बदलाव नहीं होगा।

आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि हमने ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रखी है। हमने अन्य मोर्चो पर कार्रवाई की है। राजन ने कहा कि ब्याज दरों को यथावत इसलिए रखा गया, क्योंकि पिछले एक महीने से महंगाई और औद्योगिक उत्पादन पर कोई नया आंकड़ा सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि हम अधिक आंकड़े और राजकोषीय घटनाक्रम का इंतजार करेंगे और उसके बाद कोई निर्णय लेंगे।

आरबीआई ने रेपो दर को अपरिवर्तित रखते हुए 7.75 प्रतिशत बरकरार रखा है। रेपो दर वह दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी अल्पकालिक जरूरतें पूरी करने के लिए रिजर्व बैंक से ऋण लेते हैं। रिवर्स रेपो दर को 6.75 प्रतिशतपर स्थिर रखा गया है। रिवर्स रेपो दर वह दर है, जो रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को उनकी जमा राशि पर देता है। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) दर और बैंक दर 8.75 प्रतिशत बरकरार रखी गई हैं। इन मुख्य दरों को यथावत रखे जाने का अर्थ यह होता है कि घर, वाहन और अन्य कर्जो पर ईएमआई किश्तों में भी कोई बदलाव नहीं होगा।

आरबीआई ने इससे पहले 15 जनवरी को रेपो दर में 0.25 आधार अंक की कटौती की थी, जिसके बाद रेपो दर 8 प्रतिशत से घट कर 7.75 प्रतिशत हो गई थी। हालांकि आरबीआई ने वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में कटौती की है। एसएलआर में 0.50 प्रतिशत की कटौती की गई है, जिसके बाद यह दर घट कर 21.5 प्रतिशत हो गई है। एसएलआर वह अनिवार्य राशि है, जिसे वाणिज्यिक बैंक नकदी, साने, बांड या अन्य प्रतिभूतियों के रूप में अपने पास रखते हैं। एसएलआर की यह घटी हुई दर सात फरवरी, 2015 से लागू होगी।

एसएलआर में कटौती से वित्तीय प्रणाली में अतिरिक्त पूंजी डालने में मदद मिलेगी। नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) बिना किसी बदलाव के 4 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। आरबीआई का यह कदम उम्मीदों के मुताबिक ही रहा है, क्योंकि ज्यादातर विश्लेषकों ने ब्याज दरों में कोई बदलाव न होने का अनुमान जाहिर किया था। आरबीआई जनवरी में पहले ही ब्याज दरों में कटौती कर चुका था। मुख्य दरों में बदलाव न करने के आरबीआई के निर्णय के बाद शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज हुई। बैंकिंग, स्वास्थ्य देखभाल और पूंजीगत वस्तुओं जैसे ब्याज प्रभावित क्षेत्रों में भारी बिकवाली का दबाव देखा गया।

मंगलवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स सुबह 29,217.40 अंकों पर खुला था, जो दोपहर 12 बजे 149.02 अंकों यानी 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 28,973.25 अंक पर कारोबार कर रहा था। इसके पहले सोमवार शाम सेंसेक्स 29,122.27 अंकों पर बंद हुआ था।

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नेशनल

दिल्ली के आसमान में छाई धुंध, AQI 400 के पार, लोगों को सांस लेने में हो रही मुश्किल

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नई दिल्ली। नवंबर का महीना आधा बीत चुकी है, बावजूद इसके इस बार दिल्ली में सिर्फ सुबह और शाम को ही ठंड का अहसास हो रहा है। सुबह-शाम की के समय पड़ रही सर्दी में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। हवा की गुणवत्ता को सुधार करने के लिए दिल्ली में ग्रेप-3 लागू किया गया है, लेकिन इससे भी दिल्ली की हवा में कोई खास फर्क नजर नहीं आ रहा है और ये लगातार जहरीली होती जा रही है।

इस बीच रविवार को दिल्ली में वायु का गुणवत्ता सूचकांक 400 के पास निकल गया। इस दौरान राजधानी के दस से ज्यादा इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर दर्ज की गई। बता दें कि दिल्ली में फिलहाल GRAP-3 लागू हैं, बावजूद इसके राष्ट्रीय राजधानी की हवा साफ नहीं हो रही. ऐसे में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय बेकार नजर आ रहे हैं।

दिल्ली के इन इलाकों में एक्यूआई 400 पार

रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से धुंध छाई नजर आई. इस दौरान द्वारका-सेक्टर 8 और दिल्ली डीपीसीसी द्वारका में एक्यूआई 443 दर्ज किया गया। जबकि एनएसआईटी द्वारका में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 रहा। वहीं पश्चिमी दिल्ली में AQI 426 और डीपीसीसी पश्चिमी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 पहुंच गया. वहीं शादीपुर में ये 457, शिवाजी पार्क में 448 और भीम नगर के साथ मुंडका इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे ज्यादा 465 दर्ज किया गया।

उधर दिल्ली दुग्ध योजना कॉलोनी में एक्यूआई 430, आरके पुरम में 435, श्री अरबिंदो मार्ग में 436, आया नगर में 423 तो लोधी रोड में वायु की गुणवत्ता 378 दर्ज की गई. जबकि नजफगढ़ एक्यूआई 399, वजीरपुर 463, चांदनी चौक 368 दर्ज किया गया. वहीं गोकलपुरी 375, अशोक विहार 449, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 366, रोहिणी 449 और आईटीओ में 410 दर्ज किया गया. जो बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है।

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