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आम बजट : उप्र को मोदी सरकार से बड़ी उम्मीदें

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लखनऊ | लोकसभा चुनाव के दौरान अच्छे दिन लाने का वादा करने वाली केंद्र की मोदी सरकार के आम बजट से मध्यम वर्ग व छोटे कर्मचारियों को काफी उम्मीदें हैं। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली 28 फरवरी को लोकसभा में आम बजट प्रस्तुत करेंगे। इस बीच लोगों का कहना है कि नई सरकार ने चुनाव के दौरान जनता से जो वादा किए थे, अब उसे परखने का समय आ गया है।

सभी वर्गोकी निगाहें मोदी सरकार के आम बजट पर लगी हुई हैं। लोगों ने उम्मीद जतायी है कि इस बार का आम बजट, आम आदमी की खुशहाली का बजट होगा। आम बजट को लेकर उप्र के कई कर्मचारी संगठनों ने अपने विचार रखे और सभी ने एक सुर में कहा कि मोदी सरकार को आयकर छूट की सीमा बढ़ानी चाहिए और साथ ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना चाहिए। उप्र के कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों का कहना है कि इस बार केंद्र सरकार को आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये तक कर देना चाहिए। वर्तमान में यह सीमा ढाई लाख रुपये है। आयकर सीमा कम होने के कारण कम आय के बावजूद चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को भी आयकर देना पड़ता है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा कि आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख तक किए जाने की जरूरत है। इससे छोटे कर्मचारियों और मध्यम वर्ग को काफी लाभ पहुंचेगा। ऑल इंडिया पोस्टल कर्मचारी संघ के महामंत्री वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार को इस आम बजट में सातवें वेतन आयोग का प्रावधान करना चाहिए। सातवें वेतन आयोग का प्रावधान जरूरी है। उन्होंने कहा, “जनवरी 2016 से सातवां वेतन आयोग लागू होना है। यदि इस बजट में इसका प्लान नहीं किया गया तो अगले वर्ष से यह लागू नहीं हो पाएगा और कर्मचारी एक साल तक इसका लाभ नहीं पा सकेंगे।” उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ ने हालांकि इस बात पर जोर दिया है कि मोदी सरकार के आम बजट में राज्य व केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच समन्वय पर जोर दिया जाना चाहिए। संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्णय राज्य कर्मचारियों पर भी प्रभाव डालते हैं। राज्य कर्मचारियों को शैक्षणिक भत्ते सहित कई भत्ते नहीं मिल रहे हैं, लिहाजा सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।

कुछ संगठनों को उम्मीद है मोदी सरकार के आम बजट में वृद्धाश्रमों के अलावा शिक्षा एवं आवास पर ब्याज दर कम की जाए। बजट में शिक्षा एवं आवास को लेकर विशेष प्रावधान होना चाहिए, क्योंकि मौजूदा समय में शिक्षा पर ब्याज दर काफी अधिक है और इसकी वजह से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बच्चों को काफी संघर्ष करना पड़ता है। आवास ऋण पर भी ब्याज दर काफी अधिक है जिसकी वजह से अपने घर का सपना साकार करना मुश्किल हो जाता है। सेंट्रल बैंक कर्मचारी संगठन के महामंत्री वी.के.श्रीवास्तव ने कहा कि आवास ऋण पर ब्याज दर को कम करना चाहिए, जिससे एक छोटा कर्मचारी भी अपने जीवन में एक मकान का सपना पूरा कर सके। श्रीवास्तव ने कहा कि कर्मचारियों के बच्चे भी बेहतर शिक्षा पा सकें इसके लिए आम बजट में शिक्षा ऋण पर ब्याज दर को छह प्रतिशत सालाना तक किया जाना चाहिए।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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