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प्रादेशिक

आरटीई के तहत सभी पात्र बच्चों को प्रवेश देगा सी.एम.एस.

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लखनऊ। आरटीई अधिनियम 2009 (शिक्षा के अधिकार अधिनियम) के तहत सिटी मोन्टेसरी स्कूल (सी.एम.एस.) में प्रवेश के लिए भेजे गये बच्चों के संबंध में दिनाँक 8 अगस्त को जिलाधिकारी लखनऊ और सी.एम.एस. प्रबन्धतंत्र के मध्य विशेषता 2 मुद्दो पर बैठक की गई। इस बैठक में आरई अधिनियम 2009 के तहत सी.एम.एस. में पिछले वर्ष चयनित 15 बच्चों तथा इस वर्ष चयनित 296 बच्चों का मुद्दा विशेष रूप से शामिल रहा। पिछले वर्ष बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा 15 बच्चों को सिटी मोन्टेसरी स्कूल में प्रवेश हेतु भेजा गया था। इन बच्चों की पात्रता को माननीय उच्च न्यायालय में दी गई चुनौती के बाद माननीय न्यायालय के आदेश पर जिलाधिकारी लखनऊ द्वारा कमेटी बनाई गई।

कमेटी द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने सी.एम.एस. को 3 जुलाई 2017 को लिखे पत्र में यह स्वीकार किया कि इन 15 बच्चों में से 11 बच्चे आरटीई अधिनियम 2009 के अन्तर्गत निर्धारित पात्रता की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं जबकि शेष 4 बच्चों को पात्र बताया गया, जिनकी पात्रता अभी भी माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। सी.एम.एस. प्रबन्धतंत्र ने जिलाधिकारी को यह लिखित में दिया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की पात्रता की 1 या 1 से अधिक शर्तों को पूरा न करने के कारण ही सी.एम.एस. द्वारा अभी तक इन बच्चों का प्रवेश अपने विद्यालय में नहीं लिया गया है।

सी.एम.एस. ने जिलाधिकारी को दिये गये विवरण में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि कौन सा बच्चा पात्रता की किन शर्तों को पूरा न करने के लिए अपात्र माना गया है। सी.एम.एस. ने इस संबंध में एक पत्र बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा बेसिक शिक्षा निदेशक को भी भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है।जिलाधिकारी ने सी.एम.एस. प्रबंध तंत्र को यह आश्वासन दिया है कि वे सी.एम.एस. द्वारा उठाये गये बिन्दुओं की जांच करेंगे और नियमानुसार निर्णय लेंगे।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश शिक्षा के अधिकार अधिनियम नियमावली 2011 में वर्णित है कि यदि किसी भी स्तर पर विद्यालय द्वारा तथ्यों को छिपाकर अथवा मिथ्या दावे के आधार पर प्रतिपूर्ति की अपेक्षा करके उसे प्राप्त किया गया पाया जाता है तो उसे विद्यालय की मान्यता वापस लेने की कार्यवाही और भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं के अधीन कार्यवाही सहित इस प्रकार प्राप्त की गयी धनराशि की दुगुनी धनराशि सरकारी राजकोष में जमा करनी होगी।

यह धनराशि कलेक्टर द्वारा भूमि राजस्व की बकाया धनराशि के रूप में वसूली जायेगी। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल अपने यहाँ प्रवेश हेतु भेजे गये इन सभी बच्चों की पात्रता की जाचं अवश्य करे। यह इसलिए भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि अभी हाल ही में एक समाचार पत्र ने यह प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था कि कुछ लोग पैसा लेकर अपात्र बच्चों का प्रवेश शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत करा रहें हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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