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बिजनेस

आरबीआई ने एचडीएफसी को दिया ‘डी-एसआईबी’ का दर्जा

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मुंबई, 4 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को घोषणा की कि उसने निजी ऋणदाता एचडीएफसी बैंक को ‘घरेलू प्रणालीगत महत्वपूर्ण बैंक (डी-एसआईबी)’ का दर्जा दिया है, यानी इस बैंक के असफल होने की संभावना काफी कम है, क्योंकि यह बहुत बड़ा बैंक है। आरबीआई द्वारा यहां जारी बयान में कहा गया, एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) और आईसीआईसीआई बैंक जिनकी लगातार डी-एसआईबी के रूप में पहचान की गई है।

इनके अलावा अब आरबीआई ने पिछले साल के ही नियमों के तहत अब एचडीएफसी की भी डी-एसआईबी के रूप में पहचान की है।

डी-एसआईबी श्रेणीकरण में जिन बैंकों को शामिल किया जाता है, उनपर अतिरिक्त पूंजीकरण आवश्यकता लागू होती है।

आरबीआई के बयान में कहा गया, एचडीएफसी बैंक पर डी-एसआईबी सरचार्ज 2018 के 1 अप्रैल से लगाया जाएगा।

आरबीआई ने डी-एसआईबी बैंकों के बारे में साल 2014 के अप्रैल में फ्रेमवर्क जारी किए थे।

अब इस श्रेणी में एचडीएफसी बैंक के शामिल होने के बाद देश में तीन बैंक हो गए हैं, जिनके असफल होने की संभावना काफी कम है, क्योंकि वे बहुत बड़े बैंक हैं। इनमें सरकारी भारतीय स्टेट बैंक के साथ निजी ऋणदाता आईसीआईसीआई बैंक पहले से ही शामिल है।

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प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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