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आरबीआई ने किया स्पष्ट, केवाईसी खातों में कई बार जमा कर सकते हैं रुपये
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि लोग बैंकों में 30 दिसंबर तक एक से अधिक बार पुराने नोट जमा करा सकते हैं। आरबीआई ने बुधवार को अपनी उस अधिसूचना को वापस ले लिया था, जिसके मुताबिक 30 दिसंबर तक पांच हजार रुपये से अधिक की रकम एक से अधिक बार जमा करने पर बैंक अधिकारी जमाकर्ता से पूछताछ कर सकते हैं।
आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर फ्रीक्वेंटली आस्क्ड क्वेंशचंस (एफएक्यू) में कहा है कि खाताधारक 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के पुराने नोटों को बैंक की शाखाओं या नकद जमा मशीन में 30 दिसंबर तक एक से अधिक बार जमा करा सकते हैं।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि ग्राहकों को पुराने नोटों तथा नए नोटों को जमा करने के लिए अलग-अलग भुगतान पर्ची का इस्तेमाल करना चाहिए।
50,000 रुपये से अधिक की रकम जमा करने वाले ग्राहक को अपने पैन कार्ड की प्रति जमा करानी होगी।
बीते 19 दिसंबर को जारी अधिसूचना की चहुंओर आलोचना के बाद अपनी इस अधिसूचना पर यू-टर्न लेने के एक दिन बाद आरबीआई की तरफ से यह स्पष्टीकरण आया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने 19 दिसंबर की शाम यही बात कही थी कि एक बार रकम जमा करने पर कोई पूछताछ नहीं होगी। जबकि मंगलवार को उन्होंने जोर दिया था कि 30 दिसंबर तक केवल एक बार पुराने नोटों को जमा करने की अनुमति दी जाएगी। वहीं, बुधवार को आरबीआई ने केवाईसी जमा पर अपने नियमों को वापस ले लिया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया था कि एक से अधिक बार जमा करने की अनुमति होगी या नहीं।
आरबीआई ने कहा कि गैर केवाईसी खातों में अगर कोई व्यक्ति 5,000 रुपये से अधिक मूल्य के पुराने नोट जमा कराता है, तो उसके खाते में पैसा उससे पूछताछ के बाद ही जमा होगा। पूछताछ बैंक के दो अधिकारियों की मौजूदगी में की जाएगी। उनसे सवाल किया जाएगा कि ये पैसे पहले क्यों नहीं जमा कराए गए।
केवल यही नहीं, अगर गैर केवाईसी खाताधारक 5,000 रुपये से कम की रकम जमा कराने पहुंचता है और उसके द्वारा बैंक में जमा कराई गई कुल रकम इससे अधिक होती है, तो खाताधारक से पूछताछ की जाएगी। इस तरह के खातों में जमा राशि की सीमा 50,000 रुपये तय कर दी गई है।
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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