बिजनेस
आरबीआई ने दिवालियेपन पर जारी आदेश में किया संशोधन
मुंबई, 9 जुलाई (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों के लिए पूर्व में जारी आदेश में संशोधन किया है, जिसके तहत उन 12 कंपनियों के खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही शुरू करने को कहा गया था, जिन पर मार्च, 2016 तक 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।
यह संशोधन शनिवार देर शाम एक अधिसूचना के जरिए किया गया। इससे पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने आरबीआई से अपने पिछले महीने के आदेश पर लगी शर्त हटाने को कहा था। इस शर्त के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में 12 गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए), यानी डूबे हुए कर्ज को प्राथमिकता दी जाएगी।
आरबीआई की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, 13 जून, 2017 को जारी प्रेस विज्ञप्ति के पैराग्राफ नंबर 5 की तीसरी पंक्ति को हटाया जाता है, जिसमें आरबीआई ने दिवालियापन और दिवालियेपन संहिता (आईबीसी) के तहत संदर्भ के लिए खातों की पहचान की है। इस तरह के मामलों को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा प्राथमिकता दी जाएगी।
आरबीआई द्वारा चिह्न्ति की गई 12 बड़ी एनपीए में से एक एस्सार स्टील ने गुजरात उच्च न्यायालय का रुख कर आरबीआई की इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। कंपनी ने इस कदम को मनमाना बताया था।
अदालत ने एस्सार की निष्क्रिय इकाई के खिलाफ 12 जुलाई तक दिवालियापन की कार्यवाही करते हुए आरबीआई से अपने आदेश में संशोधन करने को कहा था। इस आदेश में एनसीएलटी को इन चिह्न्ति मामलों को प्राथमिकता देने की बात थी।
आरबीआई ने जून में दिवालियापन की कार्यवाही के लिए बैंकिंग प्रणाली के एनपीए में से कुल 25 फीसदी वाले 12 खातों की पहचान की थी।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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