बिजनेस
आरबीआई नोटबंदी बाद के ‘सत्यापित’ आंकड़े घोषित करेगा
नई दिल्ली | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शनिवार को कहा कि नोटबंदी के बाद जमा हुई राशि का खुलासा करने से पहले उसके अच्छी तरह से ‘सत्यापन’ की जरूरत है और इस काम को बेहद सावधानीपूर्वक किया जा रहा है। वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ आरबीआई बोर्ड की बैठक के बाद गवर्नर उर्जित पटेल ने यहां कहा, “बैंक की हजारों शाखाएं हैं और 4,000 करेंसी चेस्ट हैं। इसलिए हमें सावधान रहने की जरूरत है कि अंतिम संख्या केवल अनुमान नहीं हो, बल्कि उसे पूरी तरह से सत्यापित करने के बाद ही बताया जाए।”
आरबीआई ने पहले कहा था कि 10 दिसंबर, 2016 तक कुल 12.44 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट जमा हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी। उस दिन तक 500 रुपये के 1716.50 करोड़ नोट और 1,000 रुपये के 685.80 करोड़ नोट प्रचलन में थे।
उसी दिन दोनों मूल्य के नोटों को मिलाकर कुल 15.44 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट प्रचलन में थे, जिसमें से 8.58 लाख करोड़ रुपये 500 रुपये के नोट की शक्ल में थे और 6.86 लाख करोड़ रुपये 1,000 रुपये के नोट की शक्ल में थे।
जेटली ने कहा आरबीआई के साथ बैठक में बजट को लेकर विभिन्न सुझावों और वर्तमान आर्थिक स्थितियों पर चर्चा हुई।
यह पूछे जाने पर कि आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दरों में कटौती नहीं की? वित्तमंत्री ने कहा, “सभी वित्त मंत्री सदा इसकी इच्छा रखते हैं, लेकिन हमें आरबीआई के फैसले का सम्मान करना चाहिए।”
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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