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आस्ट्रेलियन ओपन : सेरेना बाहर, जोकोविक और प्लिस्कोवा सेमीफाइनल में

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 मेलबर्न, 23 जनवरी (आईएएनएस)| वर्ल्ड नंबर-1 पुरुष टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविक ने अपने विजयी क्रम को जारी रखते हुए आस्ट्रेलियन ओपन के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में जगह बना ली है।

  महिलाओं में हालांकि खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही अमेरिका की सेरेना विलियम्स चेक गणराज्य की कैरोलिना प्लिस्कोवा से हार कर टूर्नामेंट से बाहर हो गईं। पुरुष एकल वर्ग में भी एक उलटफेर देखने को मिला जब वर्ल्ड नंबर-30 फ्रांस के लुकास पाउइले ने वर्ल्ड नंबर-17 कनाडा के मिलोस राओनिक को बाहर कर दिया।

जोकोविक ने अपने सातवें आस्ट्रेलियन ओपन खिताब की ओर एक और कदम बढ़ा दिया है। उन्हें सेमीफाइनल में प्रवेश हालांकि अपने प्रतिद्वंद्वी जापान के केई निशिकोरी के चोटिल होने के बाद मिला।

निशिकोरी जब रिटायर्ड हर्ट हुए तब वह 1-6, 1-4 से पीछे थे। जोकोविक जिस अंदाज में खेल रहे थे उससे उनका सेमीफाइनल में जाना तय लग रहा था। निशिकोरी की जांघ में चोट लगी थी और इसी कारण वह ज्यादा देर कोर्ट पर टिक नहीं सके और मैच को बीच में ही छोड़ गए।

जोकोविक ने आखिरी बार 2016 में आस्ट्रेलियन ओपन का खिताब अपने नाम किया था। सेमीफाइनल में उनके सामने फ्रांस के लुकास पाउइले की चुनौती होगी जिन्होंने कनाडा के मिलोस राओनिक को मात देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया है।

पाउइले ने अपने से ज्यादा रैंक वाले राओनिक को मात दे न सिर्फ उलटफेर किया बल्कि पहली बार इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में कदम रखा है।

पाउइले ने राओनिक को चार सेटों तक चले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 7-6(7-4), 6-3, 6-7(2-6), 6-4 से मात दे सेमीफाइनल में स्थान पक्का किया।

पहले दो सेट हारने के बाद राओनिक ने वापसी की और तीसरा सेट अपने नाम किया लेकिन पाउइले ने चौथा सेट जीत सेमीफाइनल में प्रवेश किया। यह मैच तीन घंटे दो मिनट तक चला।

पाउइले ने इस मैच में 14 ऐस लगाए तो वहीं राओनिक ने 25 ऐस मारे। राओनिक ने 34 अनफोसर्ड एरर की जबकि पाउइले ने 24 अनफोसर्ड एरर कीं।

इस साल पाउइले ने पहली बार आस्ट्रेलियन ओपन के पहले दौर से आगे का सफर तय किया है। 2014 से लगातार इस टूर्नामेंट में शिरकत करते आ रहे पाउइले हर बार पहले राउंड से ही बाहर हो जाते थे।

सेमीफाइनल में उनके सामने इस टूर्नामेंट की अभी तक की सबसे बड़ी और हार्ड कोर्ट के बादशाह कह जाने वाले जोकोविक की चुनौती होगी।

वहीं महिला वर्ग में भी एक उलटफेर देखने को मिला। अमेरिका की 37 साल दिग्गज सेरेना को वर्ल्ड नंबर-7 प्लिस्कोवा ने 6-4, 4-6, 7-5 से हराकर बाहर का रास्ता दिखाया। ऐसे में सेरेना अपने 24वें ग्रैंड स्लैम को हासिल करने के लक्ष्य से चूक गईं। वहीं प्लिस्कोवा पहली बार इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रही हैं। वह दूसरी बार किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बना पाई हैं।

इससे पहले उन्होंने 2017 में फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल में कदम रखा था। अपने पहले ग्रैंड स्लैम के रास्ते में उन्हें जापान की नाओमी ओसाका का सामना करना पड़ेगा।

ओसाका ने महिला एकल वर्ग के क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की एलीना स्वितोलीना को सीधे सेटों में 6-4, 6-1 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। ओसाका भी पहली बार आस्ट्रेलियन ओपन के सेमीफाइनल में पहुंची हैं।

ओसाका के नाम हालांकि एक ग्रैंड स्लैम है जो उन्होंने पिछले साल अमेरिकी ओपन के रूप में जीता था। अमेरिकी ओपन से पहले ओसाका किसी भी ग्रैंड स्लैम के क्वार्टर फाइनल तक भी नहीं पहुंची थी।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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