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इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित बनाने के लिए आईएसओसी, आईएसपीएआई में करार
नई दिल्ली, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| इंटरनेट सोसाइटी (आईएसओसी) और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स ऐसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएसपीएआई) ने सोमवार को भारत में ‘म्यूचुअली ऐग्रीड नॉर्म्स फॉर राउटिंग सिक्युरिटी (एमएएनआरएस) को बढ़ावा देने के लिए पहलकदमियां व गतिविधियां तेज करने के प्रयासों के तहत करार पर हस्ताक्षर किए। इस करार का मकसद इंटरनेट के राउटिंग सिस्टम के आम खतरों को घटाना है। यह करार आगे की ओर एक कदम है, जिससे भारत में राउटिंग इंफ्रास्ट्रक्च र के पलटाव और सुरक्षा में सुधार हेतु तत्काल कार्यवाही मुमकिन हो सकेगी तथा व्यापार और ग्राहक दोनों ही के लिए इंटरनेट को सुरक्षित रखा जा सकेगा।
आईएसओसी के एशिया पैसिफिक रीजनल ब्यूरो डायरेक्टर रजनीश सिंह तथा आईएसपीएअई के अध्यक्ष राजेश छरिया ने इसी दिशा में आगे आने के प्रयासों के तहत आपसी समझौते पर हस्ताक्षर किए।
इस एमओयू से भारत में साइबर सुरक्षा संबंधी दुर्घटनाओं की बढ़ती तादाद से निपटने में मदद मिलेगी। भारत की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम के अनुसार भारत में वर्ष 2014, 2015 व 2016 के दौरान साइबर सुरक्षा संबंधी दुर्घटनाओं के क्रमश: 44,679 , 49,455 , 50,362 मामले सामने आए थे। इन मामलों में शामिल थे- फिशिंग, वेबसाइट का अतिक्रमण एवं विकृति, वायरस और सेवा की मनाही आदि। इंटरनेट के भविष्य व स्थिरता के लिए राउटिंग सिक्युरिटी महत्वपूर्ण है और एमएएनआरएस नेटवर्क ऑपरेटरों के लिए सरल किंतु ठोस कदम मुहैया कराता है जो बेहतर इंटरनेट सुरक्षा एवं विश्वसनीयता संभव करता है।
एमएएनआरएस एक कम्यूनिटी ड्रिवेन इनिशिएटिव है जिसे इंटरनेट सोसाइटी का सहयोग प्राप्त है। इंटरनेट सोसाइटी एक वैश्विक निर्लाभकारी संगठन है, जिसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि दुनिया भर में नवोन्मेष, आर्थिक विकास व सामाजिक प्रगति के लिए इंटरनेट एक प्लेटफॉर्म के तौर पर बढ़ता रहे। आईएसपीएआई भारत में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) की आवाज बुलंद करती है और पूरे देश में इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्च र के विकास में सक्रियता से शामिल है। आईएसओसी और आईएसपीएआई दोनों की साझी सोच है कि एक खुला और वैश्विक इंटरनेट बनाया जाए जो इनोवेशन एवं सामाजिक अवसरों को सक्षम करे।
आईएसओसी के रीजनल ब्यूरो डायरेक्टर-एशिया पैसिफिक रजनीश सिंह ने कहा, आईएसओसी द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार एशिया पैसिफिक क्षेत्र में इंटरनेट प्रयोक्ताओं द्वारा सुरक्षा को लेकर मुख्य तौर पर चिंता जाहिर की गई है और असुरक्षित राउटिंग साइबर खतरों के सबसे आम कारणों में से एक है। भारत व इस क्षेत्र में इंटरनेट में विस्फोटक वृद्धि के साथ यह अनिवार्य हो गया है कि हम एमएएनआरएस को अपना कर सुरक्षित राउटिंग इंफ्रास्ट्रक्च र निर्मित करने की दिशा में काम करें। यह बहुत प्रसन्नता की बात है कि आईएसपीएआई जैसे अग्रणी संगठन एमएएनआरएस को सहयोग कर रहे हैं तथा हम आगे और भी सहभागिता की अपेक्षा करते हैं।
आईएसपीएआई अध्यक्ष राजेश छारिया ने कहा, भारत में इंटरनेट प्रयोक्ताओं की तादाद बहुत तेजी से बढ़ रही है और अनुमान है कि यह आंकड़ा 2021 तक दोगुना हो जाएगा। यद्यपि, साइबर सुरक्षा व डाटा सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं और हाल के दिनों में मैलवेयर की घटनाओं से दुनिया भर में बहुतों पर असर पड़ा है। सरकार साइबर अपराध के बारे में जागरुकता बढ़ाने और सुरक्षा उपायों हेतु क्षमता निर्माण के लिए कदम उठा रही है। एमएएनआरएस को अपनाने और आईएसओसी के सहयोग से सभी के लिए सुरक्षित इंटरनेट सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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