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प्रादेशिक

इंदौर में मंत्रोच्चारण के बीच ‘सोनू’ को मिली दयामृत्यु

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इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित चिड़ियाघर में ‘सोनू’ नाम के भालू को आखिरकार दर्द भरी जिंदगी से मुक्ति मिल ही गई। वह दो साल से लकवाग्रस्त था। उसका काफी इलाज चला, लेकिन कोई दवा उस पर असर नहीं कर ही थी। शनिवार को उसे वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच जहरीला इंक्जेशन लगाकर सदा के लिए सुला दिया गया। पशु चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों की मौजूदगी में ‘सोनू’ को मौत का इंक्जेशन लगाया गया। किसी भालू को दयामृत्यु दिए जाने का मध्यप्रदेश का यह पहला मामला है।

इंदौर के चिड़ियाघर का माहौल शनिवार को सुबह से ही गमगीन था। न तो हर रोज जैसी चहल-पहल थी और न ही किसी अन्य जानवर की उछल-कूद नजर आ रही थी, क्योंकि सोनू को मौत मिलने वाली थी। सुबह के समय सोनू के पिंजरे को फूल-मालाओं से सजाया गया। पास में महामृत्युंजय मंत्रों का जाप और गीता पाठ चलता रहा।

चिड़ियाघर के अधिकारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि सोनू को पहले बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया। बेहोश हो जाने के बाद उसे पिंजरे से निकाला गया। ढाई साल से उसकी देखरेख कर रहे जीवन दास ने सोनू को आखिरी बार दूध और शहद खिलाया। इसके बाद जहर का इंजेक्शन ग्लूकोज की बोतल के जरिए उसकी नस में चढ़ाया गया। आधे घंटे बाद सोनू सदा के लिए सो गया। यह सारी प्रक्रिया वन्यप्राणी विशेषज्ञों की मौजूदगी में पूरी की गई।

सोनू की उम्र 33 वर्ष हो गई थी। लकवाग्रस्त होने के बाद से वह हिल-डुल तक नहीं पाता था। उसका वजन लगभग तीन सौ किलोग्राम हो चुका था। इतना ही नहीं, उसके शरीर पर जख्म (बेड सोल) होने लगे थे और उसकी कराह हर किसी को विचलित कर देती थी। जब उसकी तकलीफ बढ़ जाती थी तो वह कई दिनों तक खाना नहीं खा पाता था।

डॉ. यादव ने बताया कि सोनू के कराहने की आवाज सबको विचलित कर देती थी। उसका विभिन्न पैथियों के जरिए उपचार किया गया, मगर हालत में कोई सुधार नहीं आया। आखिरकार केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को आवेदन देकर सोनू को दयामृत्यु दिए जाने का आग्रह किया गया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। अनुमति मिलने के बाद शनिवार को सोनू को दयामृत्यु दे दी गई। इस मौके पर मौजूद चिड़ियाघर के कर्मचारियों, अधिकारियों और घूमने आए बच्चों तक की आंखें नम हो आईं।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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