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बिजनेस

इंफोसिस को 10-12 फीसदी आय वृद्धि का अनुमान

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चेन्नई,सॉफ्टवेयर-कंपनी-इंफोसिस-लिमिटेड,बंबई-स्टॉक-एक्सचेंज

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चेन्नई | सॉफ्टवेयर क्षेत्र की प्रमुख कंपनी, इंफोसिस लिमिटेड ने शुक्रवार को मौजूदा कारोबारी वर्ष में 10-12 फीसदी आय वृद्धि का अनुमान जाहिर किया। कंपनी ने कहा कि 2014-15 की चौथी तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 3.5 फीसदी बढ़कर 3,097 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने बेंगलुरू से अपना तिमाही परिणाम जारी करने की परंपरा से हटते हुए चेन्नई से परिणाम जारी किया है।

कंपनी ने कहा कि इस दौरान उसकी कुल आय 4.2 फीसदी बढ़कर 13,411 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 12,875 करोड़ रुपये थी। कंपनी ने रुपये के स्थिर मूल्य के संदर्भ में मौजूदा कारोबारी साल में 10-12 फीसदी आय वृद्धि का अनुमान पेश किया। कंपनी ने कहा कि उसकी कुल आय रुपये मूल्य में 8.4-10.4 फीसदी बढ़ सकती है। 2014-15 के पूरे कारोबारी वर्ष में कंपनी की कुल समेकित आय 6.4 फीसदी बढ़कर 53,319 करोड़ रुपये रही, जबकि शुद्ध लाभ 15.8 फीसदी बढ़कर 12,329 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने साथ ही कहा कि उसने कैलिडस इंक और एयरविज के अधिग्रहण के लिए एक निश्चित समझौता कर लिया है।

कंपनी ने कहा कि उसके पास 31 मार्च, 2015 को 32,585 करोड़ रुपये की नकदी थी, जो 31 दिसंबर, 2014 को 34,873 करोड़ रुपये और 31 मार्च, 2014 को 30,251 करोड़ रुपये थी। शुक्रवार की बैठक में कंपनी के बोर्ड ने अपने शेयरधारकों को प्रत्येक शेयर पर एक शेयर बोनस देने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही प्रत्येक अमेरिकन डिपॉजिटरी शेयर (एडीएस) पर एक एडीएस शेयर लाभांश के रूप में दिया जाएगा। बोर्ड ने प्रत्येक शेयर पर 29.50 रुपये लाभांश देने की भी सिफारिश की है। बोर्ड ने 2015 से लाभांश भुगतान को बढ़ाकर शुद्ध लाभ का 50 फीसदी करने का भी फैसला किया, जो पहले 40 फीसदी था।

कंपनी ने कहा कि पूरे कारोबारी साल में कर्मचारियों की संख्या 50 हजार बढ़ी और कंपनी को छोड़ने वालों का अनुपात घटकर 13.4 फीसदी रह गया। कंपनी द्वारा जारी बयान के मुताबिक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक विशाल सिक्का ने कहा, “इस उद्योग में बुनियादी और संरचनात्मक बदलाव हो रहा है। चुनौतीपूर्ण तिमाही के बावजूद मैं अपनी ‘रीन्यू-न्यू स्ट्रैटजी’ को लागू करने में मिल रही शुरुआती सफलता से उत्साहित हूं।”

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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