बिजनेस
इंफोसिस ने गुणवत्ता के लिए वाल-जेनेसिस से की साझेदारी
बेंगलुरू, 4 जनवरी (आईएएनएस)| ग्लोबल सॉफ्टवेयर दिग्गज कंपनी इंफोसिस ने गुरुवार को कहा कि वह चिकित्सा और जीवन विज्ञान के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए पेपरलेस वैल्यूशन कंपनी वाल-जेनेसिस के साथ साझेदारी करने जा रही है।
इंफोसिस ने एक बयान में कहा, साझेदारी के तहत, इंफोसिस, फार्मास्यूटिकल और बायोटेक इंडस्ट्री के लिए सेवाओं के अपने सुएट के भीतर वाल्गेंसिनेस ‘वैलीडेशन लाइफसाइकिल मैनेजमेंट सिस्टम’ (वीएलएमएस) को एकीकृत करेगा जो सुरक्षित क्लाउड वातावरण में वितरित किया जाएगा।
दक्षिणी सैन फ्रांसिस्को के कैलिफोर्निया स्थित मुख्यालय वाल-जेनेसिस, एक लाइफ साइंस उद्योग में प्रमुख पेपरलेस मान्यता जीवन चक्र प्रबंधन समाधान है, जो ग्राहकों को सत्यापन प्रक्रिया को पूरी तरह से स्वचालित करने की अनुमति देता है। साथ ही यह पेपर-आधारित मैन्युअल प्रक्रियाओं में पाई जाने वाली अक्षमताओं को समाप्त करता है और लागत व सत्यापन चक्र समय को भी कम करता है।
इंफोसिस ने कहा कि इस साझेदारी के माध्यम से कंपनी बायोफर्मा और मेडिकल उपकरणों के ग्राहकों को अगली पीढ़ी के स्वसंचालित गुणवत्ता और अनुपालन सेवाएं मुहैया कराएगा। इससे संगठनों को क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी। यह करार उन्हें अपने मुख्य व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देगा।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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