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ऑफ़बीट

इंसानों की तरह ‘हैलो’, ‘बाय’ बोलती है किलर व्हेल

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आपने इंसानों को अक्सर किसी सेलिब्रिटी या बड़ी हस्ती की मिमिक्री करते हुए देखा होगा। लेकिन क्या आपको मालूम है कि दुनिया की सबसे बड़ी स्तनधारी जीव व्हेल भी इंसानों की तरह बोल सकती है? वैज्ञानिकों ने एक किलर व्हेल को ट्रेनिंग दी है, जिसके बाद वो इंसानों की तरह मिमिक्री करती है।

विकी नाम की यह किलर व्हेल मछली कुछ समय तक ट्रेनिंग लेने के बाद इंसानों की तरह ‘हैलो’, ‘बाय बाय’ और ‘वन, टू’ बोलना सीख गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, 14 वर्षीय मादा व्हेल अपने तीन वर्षीय व्हेल शावक के साथ एक फ्रांसीसी मछलीघर में रहती है।

रॉयल सोसायटी बी : बायोलॉजिकल साइंस के जर्नल में छपी रिपोर्ट के अनुसार, विकी इतनी जल्दी सीख रही है कि 10 दिन अभ्यास कराने के बाद ही उसने ज्यादातर प्रायोगिक आवाजों की नकल कर ली।

अलग-अलग चरणों से गुजारने के बाद विकी ‘हैलो’, ‘एमी’, ‘आह हा’, ‘वन टू’ और ‘बाय बाय’ बोलने लगी। अनुसंधानकर्ता ने बताया कि विकी को हालांकि इन शब्दों के अर्थ की जानकारी होने का कोई सबूत नहीं है।

किलर व्हेल विकी, आवाज निकालने के लिए मुंह के पास बने ‘ब्लोहोल’ का सहारा लेती है। आवाज निकालते समय उसका बाकी शरीर पानी में डूबा रहता है और सिर्फ वो हिस्सा बाहर होता है जहां से वो सांस लेती है। इसी को ब्लोहोल कहते हैं।

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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

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राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

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