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इच्छा मृत्यु के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा महत्वपूर्ण फैसला
नई दिल्ली। इच्छा मृत्यु के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ आज यानी शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 11 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। अंतिम सुनवाई में केंद्र ने इच्छा मृत्यु का हक देने का विरोध करते हुए इसका दुरुपयोग होने की आशंका जताई थी।
सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर फैसला सुना सकता है जिसमें मरणासन्न व्यक्ति द्वारा इच्छा मृत्यु के लिए लिखी गई वसीयत (लिविंग विल) को मान्यता देने की मांग की गई है। बता दें कि ‘लिविंग विल’ एक लिखित दस्तावेज होता है जिसमें कोई मरीज पहले से यह निर्देश देता है कि मरणासन्न स्थिति में पहुंचने या रजामंदी नहीं दे पाने की स्थिति में पहुंचने पर उसे किस तरह का इलाज दिया जाए।
‘पैसिव यूथेनेशिया’ यानी इच्छामृत्यु वह स्थिति है जब किसी मरणासन्न व्यक्ति के मौत की तरफ बढ़ाने की मंशा से उसे इलाज देना बंद कर दिया जाता है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने पिछले साल इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आजकल मध्यम वर्ग में वृद्ध लोगों को बोझ समझा जाता है ऐसे में इच्छा मृत्यु में कई दिक्कते हैं। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने ये भी सवाल उठाया था कि जब सम्मान से जीने को अधिकार माना जाता है तो क्यों न सम्मान के साथ मरने को भी माना जाए।
इससे पहले साल 2015 में एक फैसला एक गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज की याचिका पर लिया था जिसमें कहा गया था कि एक व्यक्ति मरणांतक बीमारी से पीडि़त हो तो उसे दिए गए मेडिकल सपोर्ट को हटाकर पीड़ा से मुक्ति दी जानी चाहिए।
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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।
कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।
बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।
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