नेशनल
इटारसी रेलवे स्टेशन पर लगी आग की जांच में विभागीय लापरवाही उजागर
जबलपुर | पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल में स्थित इटारसी स्टेशन के रूट रिले इंटरलिंकिंग (आऱ.आर.आई.) केबिन में लगी आग की जांच पूरी हो गई है। जांच समिति ने जांच रिपोर्ट भोपाल रेल मंडल प्रबंधक को सौंप दी है। इस जांच रिपोर्ट में दो विभागों की लापरवाही सामने आई है। इस मामले में दो अधिकारियों को निलंबित भी किया गया है। पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी की ओर से सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार, 17 जून को इटारसी के आर.आर.आई केबिन में आग लग गई थी,| जिससे इटारसी स्टेशन पर यात्री एवं माल गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुई थी।
जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार इस दुर्घटना की जांच के लिए मंडल रेल प्रबंधक (भोपाल) द्वारा चार सदस्यीय जांच समिति बनाई गई थी। इस समिति ने जांच कर अपनी रिपोर्ट मंडल रेल प्रबंधक को सौंप दी है। जांच समिति ने बहुमत से प्रथम रूप से विद्युत विभाग को एवं द्वितीय रूप से इंडिकेशन(संकेत) एवं दूरसंचार विभाग को घटना के लिए जिम्मेदार माना है। जांच रिपोर्ट के अनुसार, घटना का प्रमुख कारण इलेक्ट्रिक केबिल में शॉर्ट सर्किट होना पाया गया। आग पूरे रिले रूम में फैल गई और परिणामस्वरूप इंडिकेशन पैनल एवं ऑपरेटिंग पैनल क्षतिग्रस्त हो गए।
इस घटना के लिए दोषी पाए गए विद्युत विभाग के सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सामान्य) एवं सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग के सीनियर सेक्शन इंजीनियर (इटारसी) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि आग लगने की वजह से 35 से ज्यादा दिनों तक के लिए इटारसी से होकर गुजरने वाली कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था, वहीं कई के मार्ग बदले गए थे। यह देश का प्रमुख रेलवे जंक्शन है, जो दिल्ली को मुंबई से जोड़ता है।
नेशनल
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में FIR दर्ज, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप
बेंगलुरु। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। तेजस्वी पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल खराबी था, न कि जमीन का विवाद। इस मामले ने कर्नाटक में राजनीति को गरमा दिया है।
हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि किसान की मौत जनवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि किसान ने आत्महत्या की वजह कर्ज और फसल नुकसान बताया गया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। सूर्या की पोस्ट के बाद इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, और सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।
कन्नड़ न्यूज पोर्टल के संपादकों पर भी FIR दर्ज
इस मामले में केवल तेजस्वी सूर्या ही नहीं, बल्कि दो कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल के संपादकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन पोर्टल्स ने एक हेडलाइन में दावा किया कि किसान की आत्महत्या वक्फ बोर्ड के भूमि विवाद से जुड़ी थी। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की गलत जानकारी किसानों में तनाव फैला सकती है और इसीलिए मामला दर्ज किया गया है।
वहीँ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी सूर्या ने इसपर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ भूमि के नोटिसों ने किसानों के बीच चिंता बढ़ाई है, जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट पर विश्वास किया।
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