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इफको आई मंडी से 5.5 करोड़ किसानों को मिलेगा लाभ

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नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)| सहकारी क्षेत्र की विश्व की सबसे बड़ी उर्वरक उत्पादक कंपनी इफको ने किसानों के लिए सोशल ई-कॉमर्स ऐप इफको आई मंडी तथा एक वेब पोर्टल शुरू किया है।

इफको आई मंडी से 5.5 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। इफको की सभी ई.कॉमर्स और डिजिटल गतिविधियां इफको आई मंडी प्लेटफार्म पर उपलब्ध रहेंगी। आई मंडी, इफको की शत-प्रतिशत साझेदारी वाली सहयोगी कंपनी इफको ई बाजार लिमिटेड द्वारा सिंगापुर की प्रौद्योगिकी कंपनी आई मंडी प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर किया गया एक नीतिगत निवेश है। कृषि उद्योग तथा मोबाइल/इंटरनेट प्रौद्योगिकी के क्षेत्र के अनुभवी और पेशेवर लोग इससे जुड़े हुए हैं। इस पहल का उद्देश्य देश के हर किसान तक डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ पहुंचाना तथा ग्रामीण भारत में डिजिटल क्रांति लाना है।

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू. एस. अवस्थी ने इस मौके पर कहा कि आई मंडी कृषि आदानों, उत्पादों, उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी), इलेक्ट्रॉनिक्स, ऋण तथा बीमा आदि की खरीद के लिए वस्तुएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराती है। यह खेतिहर समुदायों की सभी जरूरतों को पूरा करेगी तथा 5.5 करोड़ किसान इससे लाभान्वित होंगे।

आई मंडी प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक वी.के. अग्रवाल ने कहा कि इफको और आई मंडी इस बात से आश्वस्त हैं कि इस भारतीय सहकारी डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से हरेक घर, हरेक गांव में बड़े पैमाने पर सामाजिक बदलाव लाने में मदद मिलेगी तथा इसकी डिजिटल समावेशी प्रौद्योगिकी से एक करोड़ लोग सशक्त होंगे।

इस ऐप के जरिये किसान निकट भविष्य में अपने उत्पाद अच्छी कीमतों पर ऑनलाइन बेच सकेंगे। आई मंडी के जरिए ऋण, बीमा जैसी अनेक वित्तीय सेवाओं की सुविधा भी मिलेंगी। आई मंडी ऐप की यह खासियत है कि यह 2जी प्लस और 3जी प्लस दोनों ही प्रकार की तकनीक वाले स्मार्ट फोन पर काम करता है। हिन्दी और अंग्रेजी के अतिरिक्त यह भारत की 10 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगा। इसे ग्रामीण भारतीय उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित किया गया है।

इसमें विभिन्न बिक्री केन्द्रों के माध्यम से लोगों की जरूरतें पूरा करने के अतिरिक्त किसानों को जोड़ने के लिए संवाद (चैट एवं कॉलिंग), मनोरंजन तथा सूचना/परामर्श आदि की सुविधा भी उपलब्ध है। इसकी सोशल और संवाद संबंधी सुविधा से विभिन्न क्षेत्रों के लोग एक ही प्लेटफार्म पर जुड़ सकेंगे। अपनी अपनी रुचि के मुताबिक लोग अलग-अलग फोरम चुन सकते हैं। वे विषय के विशेषज्ञों से बात कर सकते हैं तथा विभिन्न समस्याओं पर उनसे सलाह ले सकते हैं। यही नहीं वे एक दूसरे से अपनी कामयाबी भी साझा कर सकते हैं।

इस परियोजना को व्यापक स्तर पर कार्यान्वित किया जाएगा। इफको के 55000 बिक्री केन्द्रों, 36000 सदस्य सहकारी समितियों, 30000 भंडार गृहों तथा 25 करोड़ ग्रामीण उपभोक्ताओं से जुड़कर आई मंडी ग्रामीण सोशल ई कॉमर्स क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। लगभग 16000 पिन कोड के जरिए भारत का लगभग एक तिहाई हिस्सा इससे जुड़ेगा।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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