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इसरो एक साथ भेजेगा 83 उपग्रह, बनेगा विश्व रिकॉर्ड

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इसरो चेन्नई| भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का इरादा नए साल की शुरुआत में एक रॉकेट से 83 उपग्रहों को कक्षा में पहुंचाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने का है। एंट्रिक्स कॉरपोरेशन के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कंपनी का ऑर्डर बुक 500 करोड़ रुपये का है, जबकि और 500 करोड़ रुपये के लॉन्च ऑर्डर के लिए सौदेबाजी जारी है।

एंट्रिक्स कॉरपोरेशन के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक राकेश शशिभूषण ने कहा, “हमारी योजना साल 2017 की पहली तिमाही में एक रॉकेट से 83 उपग्रहों को लॉन्च करने की है। भेजे जाने वाले अधिकांश उपग्रह नैनो उपग्रह हैं।” एंट्रिक्स कॉरपोरेशन इसरो की वाणिज्यिक शाखा है।

उन्होंने कहा कि सभी 83 उपग्रहों को एक ही कक्षा में स्थापित करना है और इसलिए रॉकेट को स्विच ऑफ और स्विच ऑन करने की जरूरत नहीं होगी। प्रस्तावित मिशन की सबसे बड़ी चिंता सभी उपग्रहों को एक ही कक्षा में छोड़ने तक रॉकेट को एक ही जगह पर टिकाए रखना होगा।

उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड 83 उपग्रहों की लॉन्चिंग के लिए इसरो ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान एक्सएल (पीएसएलवी-एक्सएल) रॉकेट का इस्तेमाल करेगा।

इसरो के लिए एक बार में कई उपग्रहों का प्रक्षेपण कोई नई बात नहीं है, क्योंकि यह अतीत में ऐसा कई बार कर चुका है। शशिभूषण के मुताबिक, पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट का टोटल पे लोड लगभग 1,600 किलोग्राम होगा।

अप्रकटीकरण अनुबंधों का हवाला देते हुए उन्होंने उन ग्राहकों का नाम बताने से इंकार कर दिया, जिनके रॉकेट कक्षा में छोड़े जाने हैं। उन्होंने कहा कि कुछ उपग्रह उनके हैं, जिनके उपग्रहों को पहले भी इसरो कक्षा में भेज चुका है।

इस बीच, इसरो अपने क्रायोजेनिक इंजन के साथ हाई-अल्टीट्यूट टेस्ट कर रहा है, जो भारी रॉकेट भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान-एमके3 (जीएसएलवी एमके3) को और ताकतवर बना सकता है। जीएसएलवी एमके3 में लगभग चार टन वजन ले जाने की क्षमता है। रॉकेट जनवरी 2017 में उड़ान भरेगा।

भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए भारत विदेशों पर निर्भर है। अगर यह परीक्षण सफल होता है, तो जीएसएलवी एमके3 भारत के लिए वरदान साबित होगा। इसरो के अध्यक्ष किरण कुमार ने कहा कि एजेंसी चार टन के कम्युनिकेशन उपग्रह के विकास की योजना बना रहा है, जो छह टन के कम्युनिकेशन उपग्रह के जैसा परिणाम देगा।

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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