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अन्तर्राष्ट्रीय

ईरानी परमाणु समझौता भारत के लिए भी अच्छा

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वाशिंगटन| ईरान और विश्व की छह महाशक्तियों के बीच तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर एक समझौते के लिए बनी ऐतिहासिक सहमति भारत के लिए तथा उन अन्य तेल आयातकों के लिए भी अच्छा है, जो ईरान से तेल आयात करते हैं।

स्विट्जरलैंड के लुसाने शहर में ईरान तथा दुनिया की छह महाशक्तियों के बीच देर रात तक चली मैराथन वार्ता में व्यापक समझौते की रूपरेखा तैयार करने पर बनी सहमति के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में कहा, “यह एक अच्छा समझौता है। एक ऐसा समझौता, जो हमारे मूल उद्देश्यों को पूरा करता है।”

उन्होंने कहा, “यदि इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाए तो इससे परमाणु हथियार बनाने की दिशा में बढ़ने वाले ईरान के सभी मार्ग बंद हो जाएंगे और यदि ईरान विश्वासघात करता है तो दुनिया को पता चल जाएगा।”

ओबामा ने कहा कि ईरान गंभीरता से बातचीत करने को तैयार नहीं था। इसलिए अमेरिका को विश्व के सबसे कड़े प्रतिबंध लागू करने पर विवश होना पड़ा, जिससे ईरान की अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ा है।

उन्होंने कहा, “प्रतिबंधों से ईरान के परमाणु कार्यक्रमों पर रोक लगाना संभव नहीं था। लेकिन इन्ही प्रतिबंधों के कारण ईरान वार्ता के लिए राजी हुअा।”

ओबामा ने कहा, “कई महीनों की कड़ी और सैद्धांतिक कूटनीति के बाद अमेरिका ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन और यूरोपीय संघ ने अमेरिका के साथ मिलकर इस समझौते की रूपरेखा तैयार करने में सफलता प्राप्त की है।”

ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के बदले अंतर्राष्ट्रीय समुदाय संयुक्त सुरक्षा परिषद द्वारा तेहरान पर लगाए गए अंतर्राष्ट्रीय एवं अमेरिकी प्रतिबंधों से राहत देने के लिए सहमत हुआ है।

ओबामा ने कहा, “ईरान को ये राहत समझौते के अनुरूप चलने पर ही प्रदान की जाएगी। यदि ईरान समझौते का उल्लंघन करता है तो प्रतिबंध वापस लगा दिए जाएंगे।”

वार्ता के बाद जारी की गई अमेरिकी तथ्य पत्र के मुताबिक, इस समझौते में निम्न शर्ते शामिल हैं। :

– ईरान यूरेनियम संवर्धन में लगे अपने मौजूदा सेंट्रीफ्यूज में कटौती करेगा। सेंट्रीफ्यूज में दो-तिहाई कटौती की जाएगी। इस्तेमाल न होने वाले सेंट्रीफ्यूजों को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की देखरेख में रखा जाएगा।

– ईरान के सभी परमाणु केंद्रों का आईएईए नियमित रूप से निरीक्षण करेगा।

– ईरान अरक में स्थित भारी जल के अपने रियक्टर को दोबारा डिजाइन करेगा ताकि इनसे परमाणु हथियार बनाने लायक सामग्री का उत्पादन न हो सके।

भारत वार्षिक आधार पर चीन के बाद ईरान का दूसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। अमेरिका के दबाव में भारत ने तेहरान से आयात किए जाने वाले तेल की मात्रा में काफी कटौती किया है।

मीडिया रपट के मुताबिक, दशक में पहली बार भारत ने मार्च में ईरान से तेल का आयात नहीं किया।

ईरान पर लगी मौजूदा पाबंदी की वजह से वह प्रतिदिन 10 लाख से 11 लाख बैरल तेल का निर्यात नहीं कर सकता।

समाचार पत्र ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने ईरान के साथ परमाणु सौदे का स्वागत किया। इस कदम को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा गया है कि इससे अब ईरान परमाणु खतरा नहीं बन पाएगा।

ईरान के साथ समझौता अभी हुआ नहीं है। राजनयिकों को निर्धारित अंतिम तिथि 30 जून तक अंतिम समझौता करना होगा।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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