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उच्च न्यायालय में ओला कैब्स की याचिका खारिज

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नई दिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एप आधारित कैब सेवा प्रदाता कंपनी ओला की एक याचिका खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की खंडपीठ ने ओला की याचिका खारिज की। याचिका में एकल पीठ के 29 जुलाई के एक आदेश को चुनौती दी गई थी।

एकल पीठ के आदेश में दिल्ली सरकार और यातायात पुलिस को यह निर्देश दिया गया था कि रेडियो टैक्सी योजना में पंजीकरण नहीं कराने वाली और डीजल ईंधन का उपयोग करने वाली रेडियो कैब सेवाओं पर रोक लगाने वाले एक जनवरी के आदेश को सख्ती से लागू किया जाए।

दिल्ली सरकार ने रेडियो टैक्सी योजना 2006 के दिशानिर्देश का पालन नहीं करने वाली एप आधारित कैब सेवाओं पर एक जनवरी को रोक लगा दी थी। रेडियो टैक्सी योजना के दिशानिर्देश को 26 दिसंबर, 2014 को संशोधित किया गया है।

याचिका में कंपनी ने यह तर्क पेश किया था कि एकल पीठ ने सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश को नजरंदाज किया है, जिसमें बताया गया है कि शहर में किसी प्रकार की टैक्सियां चलाई जा सकती हैं।

कंपनी के वकील ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि उसने यूरो-2 या उससे बेहतर उत्सर्जन मानकों का पालन करने वाली टैक्सियों पर रोक नहीं लगाई है। साथ ही उसने सीएनजी के अनिवार्य इस्तेमाल करने का भी आदेश नहीं दिया है।

कंपनी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने सिर्फ यह कहा है कि दिल्ली में 15 साल से अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहनों का संचालन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने उसमें इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधन के बारे में कुछ नहीं कहा है।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव- पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की माप, जिम में महिला ट्रेनर जरुरी

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लखनऊ। अगर आप महिला हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उ.प्र. राज्य महिला आयोग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। शुक्रवार को आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जो की इस प्रकार हैं।

1- महिला जिम/योगा सेन्टर में, महिला ट्रेनर होना चाहिए तथा ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये।

2-महिला जिम/योगा सेन्टर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन कर उसकी छायाप्रति सुरक्षित रखी जाये।

3- महिला जिम/योगा सेन्टर में डी.वी.आर. सहित सी.सी.टी.वी. सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है।

4. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है।

5. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डी.वी.आर सहित सक्रिय दशा में सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

6. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने हेतु महिला टेलर एवं सक्रिय सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

7. जनपद की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिये।

8. कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सी.सी.टी.वी. एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है।

9. महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है।

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