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उत्कल एक्सप्रेस रेल हादसा मामले में एफआईआर दर्ज

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मुजफ्फरनगर, 20 अगस्त (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में शनिवार की शाम को हुए कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस रेल हादसा मामले में रविवार को जीआरपी थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

जीआरपी चौकी इंचार्ज खतौली अजय सिंह की ओर से रेलवे एक्ट सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। (17:42)
मुजफ्फरनगर के खतौली में शनिवार की शाम को कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें रविवार को प्रदेश शासन के मुताबिक, 24 लोगों की मौत और 156 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। जहां ट्रेन हादसाग्रस्त हुई थी वहां पर पटरी खराब होने के नाते मरम्मत की जा रही थी, लेकिन चेतावनी का बोर्ड नहीं लगा था।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, दर्जन भर ट्रेनें धीमी रफ्तार से गुजर गई थी, लेकिन उत्कल एक्सप्रेस की रफ्तार काफी तेज थी, जिसके चलते ट्रेन हादसा हुआ। यही नहीं ट्रेन की दो बोगी बगल के ही एक घर में जा घुसी। इस घर के एक बुजुर्ग इस हादसे में घायल हो गए हैं।

रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने रेल हादसे के जांच के आदेश दिए हैं। वहीं रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को प्रथम दृष्टया साक्ष्यों के आधार पर आज (रविवार) ही जबावदेही तय करने के निर्देश दिए हैं।

उधर अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) रेलवे बिजाया मिश्रा ने खतौली रेल हादसे के लिए विभाग को ही जिम्मेदार माना है। उन्होंने कहा, हादसे के वक्त मरम्मत कार्य चल रहा था। इस कार्य में देरी और लापरवाही बरती गई। मौके का निरीक्षण करने से पता चला है कि ट्रैक को बदलने का काम चल रहा था। ट्रेन को कॉशन दिया गया था अथवा नहीं, ये जांच का विषय है।

रेलवे एडीजी के मुताबिक, दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

रेल हादसे का शिकार हुए घर के मालिक जगत सिंह ने कहा, यह हादसा नहीं हत्या है। उनके नौकर ने डेढ़ महीने पहले ही पटरी क्रैक होने की सूचना दे दी थी। रेलवे प्रशासन ने मरम्मत करने की बात कही थी। इसके बावजूद किसी ने ध्यान नहीं दिया।

उन्होंने कहा, उनके पास इसका सबूत भी है। यह बात पेपर में भी छपी थी और उसकी कटिंग भी है। इस हादसे में उनका घर भी क्षतिग्रस्त हुआ है। रेलवे मुआवजा दे वरना वह रेलवे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगे।

रेल हादसे के बाद जहां कई लोगों ने इंसानियत दिखाते हुए राहत और बचाव कार्य में मदद की, वहीं ऐसे संवेदनहीन लोग और अराजक तत्व भी दिखे, जो मौके का फायदा उठा लूटपाट करने से बाज नहीं आए।

बताते हैं कि देर रात ढाई बजे कुछ लोग हादसाग्रस्त ट्रेन के एसी कोच पर पथराव कर कोच में घुस गए और यात्रियों के बैग, अटैची व अन्य सामान लूट ले गए। पुलिस फोर्स जब कोच के अंदर पहुंचा तो वहां एक भी बैग या कोई अन्य सामान नहीं मिला।

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रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए जारी किया निर्देश, ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाने वालों के खिलाफ दर्ज होगा केस

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नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए निर्देश जारी कर कहा है कि रेल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने पर केस दर्ज किया जाएगा। यानी अगर कोई शख्स ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाएगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल लोग सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए रेल और रेल की पटरियों पर रील बनाते हैं। कई जगह ये भी देखा गया है कि रील बनाते-बनाते लोग चलती ट्रेन से घायल भी हुए हैं। युवाओं में खासकर यह क्रेज है कि वह रेलवे की पटरियों पर जाकर एक्शन रील बनाते हैं या फिर कुछ एक्सपेरिमेंट करते हैं, जैसेकि ट्रेन की पटरी पर पत्थर रख दिया या कोई सामान रख दिया। इस तरह की रील बनाने वाले लोग खुद के साथ-साथ रेल यात्रियों की जिंदगी भी खतरे में डालते हैं।

ऐसे में रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने को लेकर सरकार सख्त रवैया अपना रही है। ऐसा करने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में अपने सभी जोन को निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर रील बनाने वाले सुरक्षित रेल परिचालन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं या कोचों या रेल परिसरों में यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

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