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उत्तराखंड

उत्तराखंड भाजपा कार्यकारिणी की बैठक नैनीताल में

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देहरादून | उत्तराखंड में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक नैनीताल में 23-24 अप्रैल को होगी। पार्टी के एक नेता ने सोमवार को यह घोषणा की। इस पहाड़ी राज्य में सत्ता में आने के बाद पार्टी की यह पहली बैठक है।

राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 57 सीटें जीती थीं। इस बैठक में अन्य मुद्दों के साथ त्रिवेंद्र सिंह रावत की अगुवाई में महीने भर पुरानी सरकार द्वारा किए गए कार्यो की समीक्षा भी की जाएगी। इस बैठक में पार्टी के राज्य के शीर्ष नेता, वरिष्ठ पदाधिकारी और राज्य सरकार के मंत्री शामिल होंगे।

पार्टी नेता ने बताया, “यह फैसला किया गया है कि एक इकाई के रूप में हम सरकार द्वारा किए गए कार्यो को लोगों तक पहुंचाएंगे।” कई नई पहल के अलावा राज्य सरकार ने सड़क परियोजनाओं की जांच के आदेश दिए हैं और पिछले हफ्ते 6 अधिकारियों को निलंबित किया है।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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