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उत्तराखंड

उत्तराखंड में 69 विधानसभा सीटों के लिए मतदान बुधवार को

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उत्तराखंड में 69 विधानसभा सीटों के लिए मतदान बुधवार को

देहरादून | उत्तराखंड की कुल 70 में से 69 विधानसभा सीटों पर बुधवार को मतदान होगा। कर्णप्रयाग में मतदान नौ मार्च को होगा, क्योंकि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान दुर्घटना में यहां के बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी कुलदीप कनवासी की मौत हो गई है। पार्टी नेतृत्व के निवेदन पर निर्वाचन आयोग ने इस सीट पर चुनाव नौ मार्च को कराने का फैसला किया।

बसपा को इस सीट पर 20 फरवरी तक ताजा नामांकन दर्ज कराने का समय दिया गया है, नामांकन पत्र की जांच 21 फरवरी को और 23 फरवरी को नामांकन पत्र वापस लिया जा सकेगा।

राज्य में होने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।

भाजपा राज्य में कांग्रेस के मुख्यमंत्री हरीश रावत पर देवभूमि को ‘लूट भूमि’ में तब्दील करने का आरोप लगा रही है। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने न पूरे करने वाले वादे किए हैं और उत्तराखंड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील को खारिज कर देगा।

अपने उम्मीदवारों के पक्ष में राज्य के 75 लाख मतदाताओं को लुभाने के लिए मोदी तथा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दोनों ने ही व्यापक तौर पर प्रचार किया है।

विधानसभा चुनाव में विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशियों और निर्दलीयों को मिलाकर कुल 628 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 75,13,547 मतदाताओं के लिए कुल 10,685 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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