अन्तर्राष्ट्रीय
उत्तर कोरिया के उच्चपदस्थ नेता को प्रतिनिधिमंडल प्रमुख बनाने का स्वागत
सियोल, 5 फरवरी (आईएएनएस)| दक्षिण कोरियाई प्रशासन ने आगामी प्योंगचांग शीतकालीन ओलम्पिक खेलों में उत्तर कोरिया द्वारा अपने एक शीर्ष नेता की अगुवाई में एक 22 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के फैसले का स्वागत किया है। सियोल ने कहा कि यह अंतर-कोरियाई संबंध सुधारने की दिशा में प्योंगयांग के ईमानदार प्रयास को दर्शाता है। राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता किम यूई क्योम ने एक संवाददाता सम्मेलन को बताया, हम मानते हैं कि यह अंतर कोरियाई संबंधों को सुधारने और शीतकालीन ओलम्पिक खेलों को सफल बनाने की उत्तर कोरिया की प्रतिबद्धता दर्शाता है। हम मानते हैं कि उत्तर कोरिया ने इस दिशा में ईमानदार प्रयास किए हैं।
योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक, दक्षिण कोरिया की ओर से यह बयान उत्तर कोरिया द्वारा सियोल को यह सूचित करने के बाद आया है कि ‘प्रेसिडियम ऑफ द सुप्रीम पीपल्स असेंबली’ के अध्यक्ष किम योंग नाम नौ से 25 फरवरी के बीच दक्षिण कोरिया में होने वाले शीतकालीन ओलम्पिक खेलों के लिए भेजे जाने वाले एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, सियोल के एकीकरण मंत्रालय के प्रवक्ता बएक ताए ह्यून ने कहा कि दक्षिण कोरियाई सरकार उत्तर कोरियाई प्रतिनिधिमंडल के शीतकालीन ओलम्पिक खेलों के उद्घाटन और साथ ही अन्य प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों में शामिल होने की व्यवस्था करेगी। साथ ही दोनों देशों के उच्चस्तरीय अधिकारियों के बीच वार्ताएं आयोजित करने का भी प्रयास करेगी।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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