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प्रादेशिक

उत्तर प्रदेश में डॉलफिन की गणना शुरू

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हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के वन विभाग डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के साझा प्रयास से गंगा और उसकी सहायक नदियों- यमुना, केन, बेतवा, चंबल, घाघरा और गेरुआ में डॉलफिन की गणना शुरू हो गई है। डॉलफिन गणना कार्य बिजनौर, गढ़ मुक्ते श्वर, नरोरा, कानपुर, इलाहाबाद और वाराणसी तक की गंगा और इसकी सहायक नदियों के करीब 3,350 किलोमीटर विस्तार में नौ अक्टूबर तक चलेगा।

गंगा घाटी में 140 से अधिक जलीय प्रजातियों का ठिकाना है। लोग दैनिक जरूरतों के लिए इस नदी से जुड़े हुए हैं। चाहे वह परिवहन हो या जल हो, वे इस नदी के जल के माध्यम से जीवन से जुड़ते हैं।

सहायक वन संरक्षक सुनील कुमार राठौर ने बताया कि फतेहपुर में चिल्ला घाट तक लगभग 65 किलोमीटर में सूंस (डॉलफिन) की गणना की जा रही है। इससे इस जलीय जंतु की सही संख्या सामने आ सकेगी। साथ ही इनके संरक्षण के लिए उचित प्रयास किए जा सकेंगे।

गंगा में मौजूद डॉलफिन शर्मीली और दुर्लभ प्रजाति की हैं। वर्ष 2010 की घोषित राष्ट्रीय जलजंतु, गंगा रिवर डॉलफिन आमतौर पर ‘सुसु’ और ‘सूंस’ के नाम से जानी जाती है। यह गंगा, ब्रह्मपुत्र तथा मेघना नदी में पाई जाती है। अब इसी डॉलफिन की गिनती का काम यमुना नदी क्षेत्र में हमीरपुर से इलाहाबाद तक शुरू हो गया है।

 

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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