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उप्र उपचुनाव : फरेंदा विस में राजनीतिक सरगर्मी हुई तेज

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले की फरेंदा विधानसभा सीट के लिए 30 अप्रैल को उपचुनाव होना है। मतदान में चंद दिन शेष रह गए हैं और विभिन्न राजनीतिक दल कमर कस चुनाव प्रचार अभियान में जुट गए हैं।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उपचुनाव में हिस्सा न लेने की घोषणा की है। जिसके कारण अब फरेंदा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), राज्य की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला हो गया है।

विभिन्न दलों के प्रत्याशी किसानों की समस्याओं को उठा रहे हैं, लेकिन बेमौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान के कारण उपचुनाव को लेकर मतदाताओं में खास उत्साह नहीं दिख रहा है।

भाजपा प्रत्याशी बजरंग बहादुर सिंह राज्य का विकास बाधित रहने के पीछे सत्ताधारी सपा पर आरोप लगा रहे हैं, जबकि सपा प्रत्याशी एवं पूर्व विधायक विनोद मणि त्रिपाठी गांव-गांव घूमकर क्षेत्र के विकास को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बता रहे हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र चौधरी अपने प्रचार के दौरान लोगों को यह बताने में जुटे हैं कि गैर कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों ने जनता को विकास के नाम पर ठगने का काम किया है।

इस बीच सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं क्षेत्र के वरिष्ठ नेता जगदम्बा प्रसाद मिश्र ने कहा, “सभी प्रत्याशी अपने-अपने मतों को सहेजने में जुटे हैं। यह जनता पर निर्भर करेगा कि वह किसे अपना रहनुमा चुनती है।”

फरेंदा विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान 30 अप्रैल को सुबह आठ बजे से अपराह्न् पांच बजे तक होगा तथा तीन मई को मतगणना होगी।

इस बीच, जिला निर्वाचन अधिकारी सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि चुनाव ड्यूटी में लगे सभी अधिकारियों को अपने दायित्वों का निष्पक्षता एवं पारदर्शिता पूर्ण ढंग से निवर्हन करने के निर्देश दिए गए हैं।

कंट्रोल रूम तथा शिकायत निवारण प्रकोष्ठ तत्काल प्रभाव से शुरू कराए जाने के साथ आदर्श आचार संहिता संबंधी रिपोर्ट आयोग को प्रतिदिन भेजने की हिदायत भी दी गई है। उन्होंने बताया कि अफसरों को हिदायत दी गई है कि वे क्षेत्र के सभी 312 बूथों का निरीक्षण करा लें। कोई कमी मिलती है तो उसे तत्काल दूर कराएं।

फरेंदा उपचुनाव में तीन लाख 37 हजार 726 मतदाताओं के हाथ में विभिन्न प्रत्याशियों का भविष्य है। इनमें से एक लाख 77 हजार पुरुष मतदाता हैं।

पुलिस अधीक्षक शिवहरि मीना ने बताया, “उपचुनाव के दौरान कुल 312 मतदान स्थलों पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में उपलब्ध सुरक्षाकर्मियों के अलावा 127 दरोगा, 62 मुख्य आरक्षी तथा 854 आरक्षियों की और आवश्यकता होगी। जिले में 79 पुलिस उपनिरीक्षक, 319 मुख्य आरक्षी और 523 आरक्षी उपलब्ध हैं।”

उन्होंने बताया कि सकुशल चुनाव संपन्न कराने के लिए छह पुलिस क्षेत्राधिकारी, 48 उपनिरीक्षक और 335 सशस्त्र आरक्षी की मांग की गई है। साथ ही अर्धसैनिक बल के अलावा 887 होमगार्डस की भी आवश्यकता होगी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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