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उप्र : कुंभ से पहले इलाहाबाद में बनेगा कलश रूपी संग्रहालय

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लखनऊ, 8 अप्रैल (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई मंचों से ऐलान किया था कि उनकी सरकार इलाहाबाद में होने वाले कुंभ को धार्मिक पहचान दिलाने की पूरी कोशिश करेगी। सरकार ने संगम नगरी इलाहाबाद में अत्याधुनिक कुंभ संग्रहालय बनाने की कवायद शुरू कर दी है।

अधिकारियों का दावा है कि यह संग्रहालय कलश के आकार का होगा और इसकी लागत लगभग 300 करोड़ रुपये होने की संभावना है।

कलश रूपी संग्रहालय तीन मंजिला होगा। इसमें इलाहाबाद की धार्मिक, ऐतिहासिक व अन्य जानकारियां डिजिटल स्क्रीन पर दिखाई जाएंगी। प्रदेश के पर्यटन विभाग ने इसका खाका तैयार कर लिया है।

सूत्रों के मुताबिक, संग्रहालय का प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भेज दिया गया है।

अधिकारियों के मुताबिक, इलाहाबाद में नैनी के अरैल क्षेत्र में प्रस्तावति संग्रहालय की ऊंचाई 100 फीट होगी। इसके लिए पांच एकड़ जमीन की जरूरत होगी। दो एकड़ भूमि संग्रहालय के लिए होगी और तीन एकड़ भूमि खाली रखी जाएगी।

सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव और प्रदेश की पर्यटन मंत्री की तरफ से इस संग्रहालय को हरी झंडी मिल चुकी है। इनके निर्देश के बाद ही विभाग की ओर से एक प्रस्ताव केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भेजा गया है।

क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि बजट मिलते ही संग्रहालय के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कोशिश है कि कुंभ से पहले इसकी शुरुआत हो जाए।

सूत्रों के मुताबिक, विभाग के पास कोई जमीन नहीं है, इसलिए भूखंड इलाहाबाद प्राधिकरण से खरीदा जाएगा। इस पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है।

पर्यटन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, प्रस्तावित संग्रहालय की कलश के शक्ल वाली इमारत पर भव्य प्रकाश की व्यवस्था भी होगी। एक मंजिल पर इलाहाबाद का इतिहास व अन्य जानकारियां होंगी, जबकि दूसरी मंजिल पर यहां की महान विभूतियों की मोम की मूर्तियां रखी जाएंगी। तीसरे तल पर एक बड़ा कांफ्रेंस हॉल होगा।

गौरतलब है कि वर्ष 2019 में होने वाले कुंभ में करोड़ों श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे। इसमें 10 लाख से अधिक विदेशी श्रद्धालुओं के पहुंचने की भी उम्मीद है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त पांच हजार स्विस कॉटेज बनाने की व्यवस्था भी की जा रही है।

इस मौके पर पर्यटन विभाग की ओर से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर से इलाहाबाद के दर्शन कराने की भी योजना है। इसके लिए यमुना तट पर एक हेलीपैड बनाया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से 2़5 करोड़ रुपये का बजट मिल गया है।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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