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प्रादेशिक

उप्र : खनन विभाग का 1100 करोड़ रुपये राजस्व लक्ष्य

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए 1,100 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह जानकारी एक सरकारी बयान से मिली। विभाग की ओर से जारी किये गये बयान के मुताबिक नवम्बर 2014 तक वसूली का लक्ष्य 660 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था, जिसके सापेक्ष 621.83 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई है, जो निर्धारित लक्ष्य का 94. 22 प्रतिशत है। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक ने बताया कि पिछले वर्ष नवम्बर तक 530.99 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई थी। वर्तमान वित्त वर्ष में पिछले वर्ष की तुलना में 90.85 करोड़ रुपये अधिक की राजस्व प्राप्ति हुई है।

विभाग के अनुसार वर्तमान में उच्च न्यायालय द्वारा खनन पट्टों की स्वीकृति पर जारी स्थगन आदेश समाप्त कर दिया गया है तथा नए खनन पट्टों की स्वीकृति की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। निदेशक के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष के अंत तक निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष शत्-प्रतिशत राजस्व प्राप्त कर लेने की पूरी सम्भावना है। अवैध खनन एवं परिवहन पर नियंत्रण के लिए विभिन्न जिलों में गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा कार्रवाई की जा रही है।

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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