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प्रादेशिक

उप्र : गन्ना किसानों के बकाये पर विधानसभा में हंगामा

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लखनऊ | उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान को लेकर जमकर हंगामा हुआ। विधानसभा में यह मुद्दा कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से उठाया गया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट दोनों दलों के सदस्यों ने सदन से बर्हिगमन किया। विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लगभग सभी विपक्षी दलों ने एक सुर से गन्ना किसानों के बकाये का मुद्दा उठाया। कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह, भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यतौर पर इस मुद्दे को उठाया।

दोनों सदस्यों ने सरकार से जानना चाहा कि गन्ना किसानों के पेराई सत्र 2013-2014 के गन्ना मूल्य का भुगतान निजी व सहकारी मिलों द्वारा कर दिया गया है या नहीं। सदस्यों ने सरकार से यह भी पूछा कि यदि भुगतान नहीं हुआ है तो सरकार की इस मामले को लेकर क्या योजना है और वह किसानों के बकाये के भुगतान कब तक कराएगी। मुख्यमंत्री की ओर से इस प्रश्न का जवाब देते हुए सरकार के मंत्री रियाज अहमद ने कहा कि प्रदेश के चीनी मिलों पर पेराई सत्र 2014-15 में 12 फरवरी तक 19388़17 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान करना था, जिसमें से 18747.93 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। अहमद ने कहा कि वर्तमान में लगभग 96 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान हो चुका है और केवल 64,0.24 करोड़ रुपये का भुगतान करना बाकी है।

मंत्री ने बताया, “2013-14 में कुल 119 चीनी मिलों द्वारा पेराई का कार्य किया गया था, जिसमें निगम एवं सहकारी क्षेत्र की सभी चीनी मिलों एवं निजी क्षेत्र की 84 चीनी मिलों की ओर से शत प्रतिशत गन्ने का भुगतान कर दिया गया है।” उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र की 10 चीनी मिलों पर ही गन्ना मूल्य भुगतान बकाया है और इसकी वसूली के लिए सरकार की ओर से कार्रवाई की जा रही है। मंत्री के जवाब के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। बाद में इसमें कांग्रेस के विधायक भी शामिल हो गए। हंगामा बढ़ता देख संसदीय कार्य मंत्री आजम खान ने हस्तक्षेप किया और कहा कि केंद्र सरकार यदि चीनी का आयात बंद कर दे तो गन्ना किसानों की हालत में बहुत सुधार हो जाएगा।

आजम ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “केंद्र सरकार केवल पूंजीपतियों को ध्यान में रखकर योजनाएं बना रही है। भूमि अधिग्रहण विधेयक सिर्फ धन्ना सेठों को खुश करने के लिए ही लाया जा रहा है।” आजम के इस जवाब के बाद भाजपा विधायक सदन के बीचोबीच पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। बाद में भाजपा ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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