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प्रादेशिक

उप्र में अखिलेश ने कम्बल वितरण के लिए दिए 17 करोड़ रुपये

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 मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

       मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

 

लखनऊ | उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ठंड एवं शीतलहर के दौरान गरीबों और निराश्रितों को राहत पहुंचाने के लिए सार्वजनिक स्थल पर अलाव जलवाने और जरूरतमन्दों को कम्बल बांटने के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। राज्य सरकार ने सोमवार देर रात जारी एक आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी दी। बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद शासन द्वारा धनराशि जारी कर दी गई है।

बयान के मुताबिक, प्रदेश में वर्ष 2016-17 में शीतलहर के कारण पैदा होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए निराश्रित एवं असहाय तथा कमजोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से कम्बल खरीदने के उद्देश्य से प्रत्येक तहसील के लिए पांच-पांच लाख रुपये की व्यवस्था की गई है।

बयान के मुताबिक, प्रदेश की 342 तहसीलों में कम्बल वितरण के लिए 17 करोड़ 10 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।

साथ ही निराश्रित एवं असहाय व्यक्तियों को ठंड से बचाने के लिए अलाव जलाने की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रति तहसील 50 हजार रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। आधिकारिक बयान में बताया गया है कि राज्य की सभी तहसीलों में अलाव जलाने के लिए 1 करोड़ 71 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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