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प्रादेशिक

उप्र में अधिकारियों को कंबल वितरण व अलाव पर निगरानी का निर्देश

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लखनऊ, 10 जनवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से लगातार कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड से बचाव के उपायों को लेकर सरकार के रवैये पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस बीच उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा है कि वह कंबल वितरण एवं अलाव जलाने की पूरी व्यवस्था की निगरानी स्वयं करें, जिससे जमीनी हकीकत का पता चल सके। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बुधवार को यहां एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अब तक अलाव एवं कंबल व्यवस्था के लिए दी गई धनराशि एवं की गई व्यवस्था के संबंध में उच्च स्तरीय समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि शीतलहर से बचाव की व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही व भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिलों को अलाव की व्यवस्था करने, कंबल वितरित करने एवं रैन बसेरा के संचालन के लिए उनकी मांग को ध्यान में रखते हुए धनराशि उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार तत्काल व्यवस्था कराई जाए।

बयान के अनुसार, अब तक अलाव एवं कंबल व्यवस्था के लिए जनपदों को कुल 28 करोड़ 51 लाख 70 हजार रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है, जिसमें 43 जिलों द्वारा लगभग 9 करोड़ 27 लाख रुपये अतिरिक्त धनराशि की मांग भी शामिल है।

उन्होंने बताया कि अब तक समस्त जनपदों में 60 हजार से अधिक स्थानों पर अलाव जलवाने की व्यवस्था के साथ-साथ 998 रैन बसेरा संचालित किए गए हैं। इसके साथ ही, 5,41,645 कंबलों का वितरण भी किया गया है, जिनमें स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा वितरित किए गए 1,15,495 कंबल भी शामिल हैं।

प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि शीतलहर को देखते हुए उनके द्वारा 11 एवं 12 जनवरी को रैन बसेरा एवं अलाव की व्यवस्था के लिए अभियान चलाएं। साथ ही, इस दौरान आवश्यकतानुसार कंबलों का वितरण भी किया जाए।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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